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डहीना नायब तहसीलदार विवाद: हरियाणा में राजनीतिक हलचल

डहीना नायब तहसीलदार विवाद ने हरियाणा की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। बिहार के अधिकारी रिंकू यादव की नियुक्ति ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दिया है। क्या हरियाणा में योग्य अधिकारियों की कमी है? जानें इस विवाद की पूरी कहानी और विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाएँ।
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डहीना नायब तहसीलदार विवाद: हरियाणा में राजनीतिक हलचल

डहीना नायब तहसीलदार विवाद: हरियाणा की राजनीति में उथल-पुथल

डहीना नायब तहसीलदार विवाद: हरियाणा में अधिकारी की नियुक्ति पर राजनीतिक बवाल: डहीना नायब तहसीलदार विवाद ने हरियाणा की राजनीतिक स्थिति में हलचल मचा दी है।


कोसली विधानसभा क्षेत्र के डहीना तहसील कार्यालय में बिहार के अधिकारी रिंकू यादव की नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक नया अवसर प्रदान किया है।


विपक्षी नेताओं ने यह सवाल उठाया है कि क्या हरियाणा में योग्य अधिकारियों की कमी है, जिसके कारण बाहरी राज्यों से अधिकारियों को बुलाना पड़ रहा है? यह मुद्दा स्थानीय युवाओं की नौकरी और सरकारी नीतियों पर बहस को जन्म दे रहा है। आइए, इस विवाद की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।


रिंकू यादव की नियुक्ति और विवाद की शुरुआत


डहीना नायब तहसीलदार विवाद तब शुरू हुआ जब बिहार के भोजपुर जिले के सर्किल अधिकारी रिंकू यादव को हरियाणा सरकार ने डहीना में एक साल के लिए नायब तहसीलदार के रूप में नियुक्त किया।


रिंकू मूल रूप से महेंद्रगढ़ के दुलोठ गांव के निवासी हैं और वर्तमान में गुरुग्राम में निवास कर रहे हैं। यह पद पिछले छह से सात महीनों से खाली था। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने इस नियुक्ति का आदेश जारी किया। लेकिन विपक्ष ने इसे हरियाणा के युवाओं के साथ अन्याय करार दिया। कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की, “क्या हरियाणा में अधिकारी बनने लायक लोग नहीं बचे?”


विपक्ष का तीखा हमला


विपक्ष ने डहीना नायब तहसीलदार विवाद को लेकर हरियाणा सरकार पर कड़ी आलोचना की। पूर्व मंत्री कै. अजय सिंह यादव ने इस नियुक्ति को गलत परंपरा बताया और राजनीतिक प्रभावों की जांच की मांग की।


उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय युवाओं को नौकरी देने में असफल रही है। कांग्रेस नेता राव दान सिंह ने व्यंग्य करते हुए कहा, “चपरासी हरियाणा के और नायब तहसीलदार बिहार के!” विपक्ष का आरोप है कि सरकार बाहरी राज्यों से अधिकारियों को लाकर स्थानीय प्रतिभाओं को नजरअंदाज कर रही है। कोसली के भाजपा विधायक अनिल यादव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।


हरियाणा के युवाओं के लिए सवाल


डहीना नायब तहसीलदार विवाद ने हरियाणा के युवाओं के लिए नौकरी के अवसरों पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार की नीतियां स्थानीय युवाओं को नजरअंदाज कर रही हैं।


यह विवाद न केवल डेपुटेशन नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करता है। लोगों से अपील की जाती है कि वे इस मुद्दे पर जागरूक रहें और सरकार से जवाबदेही की मांग करें। यह मामला हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा।