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डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ा

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के आठ महीने बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है, जिसमें बंगला खाली कराने का अनुरोध किया गया है। चंद्रचूड़ ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी बेटियों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने उन्हें एक किराए का घर दिया है, जिसकी मरम्मत चल रही है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
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डीवाई चंद्रचूड़ ने सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ा

डीवाई चंद्रचूड़ का सरकारी बंगला खाली न करना


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के आठ महीने बाद भी सरकारी बंगला नहीं छोड़ा है। इस मामले में शीर्ष अदालत के प्रशासन ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है, जिसमें आग्रह किया गया है कि 5, कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला तुरंत खाली कराया जाए। यह बंगला पूर्व सीजेआई का आधिकारिक निवास है।


चंद्रचूड़ का रिटायरमेंट और बंगला खाली करने की समयसीमा

चंद्रचूड़ पिछले साल नवंबर में सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र भेजकर बताया कि चंद्रचूड़ निर्धारित समय से अधिक समय तक सरकारी बंगले में रह रहे हैं। नियमों के अनुसार, सेवानिवृत्त सीजेआई को छह महीने तक टाइप-सात बंगले में रहने की अनुमति होती है, लेकिन चंद्रचूड़ टाइप-आठ बंगले में आठ महीने से रह रहे हैं।


बंगला खाली करने में देरी के कारण

पूर्व सीजेआई ने बताया कि पारिवारिक कारणों के चलते बंगला खाली करने में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियों को विशेष देखभाल की आवश्यकता है और उनके लिए उपयुक्त आवास ढूंढना चुनौतीपूर्ण रहा है। चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि सरकार ने उन्हें किराए पर एक दूसरा घर दिया है, जिसकी मरम्मत चल रही है। मरम्मत पूरी होते ही वह सरकारी बंगला खाली कर देंगे।


बंगला रखने की अनुमति

दिलचस्प बात यह है कि चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद, दो नए मुख्य न्यायाधीशों ने कृष्णा मेनन मार्ग स्थित बंगला लेने से मना कर दिया। दोनों ने अपने पुराने आवास में रहने का निर्णय लिया, जिससे चंद्रचूड़ को अतिरिक्त समय मिल गया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही उन्हें अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति दी थी।