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डॉ. एमसी डाबर का निधन: गरीबों के लिए समर्पित जीवन

डॉ. एमसी डाबर, जिन्होंने मध्यप्रदेश के जबलपुर में गरीबों के लिए 20 रुपये में चिकित्सा सेवा प्रदान की, का निधन हो गया। 80 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज सेवा में बिताया और भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। जानें उनके जीवन की कहानी और उनके योगदान के बारे में।
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डॉ. एमसी डाबर का निधन: गरीबों के लिए समर्पित जीवन

डॉ. एमसी डाबर का निधन

डॉ. एमसी डाबर का निधन: मध्यप्रदेश के जबलपुर में 20 रुपये में मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. एमसी डाबर का निधन हो गया। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय गरीबों की सेवा में बिताया। भारत सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जबलपुर में रोड शो के बाद डॉ. डाबर से मुलाकात की थी। आइए जानते हैं डॉ. एमसी डाबर के बारे में, जिन्होंने अपना जीवन गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित किया।


शिक्षा और करियर

डॉ. एमसी डाबर का जन्म 16 जनवरी 1946 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत में बस गया। उनके पिता का निधन जब वे केवल डेढ़ साल के थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जालंधर से प्राप्त की और 1967 में जबलपुर से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। डाबर भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर कार्यरत थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने सेना छोड़ दी। उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी अपनी सेवाएं दी थीं।


सामाजिक सेवा का सफर

1972 से, डॉ. डाबर ने जबलपुर में मात्र 2 रुपये में मरीजों का इलाज करना शुरू किया। 1997 में उन्होंने 5 रुपये, 2012 में 10 रुपये और वर्तमान में 20 रुपये चार्ज करना शुरू किया। भारत सरकार ने 2023 में उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। डॉ. डाबर पिछले 51 वर्षों से प्रतिदिन लगभग 200 मरीजों का इलाज कर रहे थे, जिनमें तीन पीढ़ियों के मरीज शामिल थे। उनके पास न केवल जबलपुर से, बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों से भी मरीज आते थे।