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डोनाल्ड ट्रंप और जनरल मुनीर की महत्वपूर्ण बैठक

डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ लंच मीटिंग की, जो कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई। मुनीर का वाशिंगटन में विरोध किया गया, जबकि ट्रंप इजरायल-ईरान संकट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान मुनीर ने ईरान के प्रति पाकिस्तान के समर्थन की बात की। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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डोनाल्ड ट्रंप और जनरल मुनीर की महत्वपूर्ण बैठक

ट्रंप और मुनीर की लंच मीटिंग

ट्रंप और मुनीर की बैठक: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ लंच पर मुलाकात की। व्हाइट हाउस ने ट्रंप के आज के कार्यक्रम में इस लंच मीटिंग का उल्लेख किया। यह बैठक 'बंद कमरे' में आयोजित की गई थी।


मुनीर की यात्रा का संदर्भ

यह यात्रा मई में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के कुछ हफ्ते बाद हो रही है, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।


वाशिंगटन में मुनीर का विरोध

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का वाशिंगटन में होटल पहुंचते ही विरोध किया गया। विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं ने मुनीर का विरोध किया। एक कार्यक्रम में उनके स्वागत के दौरान 'पाकिस्तानियों के कातिल' और 'इस्लामाबाद के कातिल' जैसे नारे लगाए गए। सोशल मीडिया पर विरोध के वीडियो भी सामने आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने मुनीर के खिलाफ 'शर्म करो, सामूहिक हत्यारा' और 'तानाशाह' के नारे लगाए।


ट्रंप का इजरायल-ईरान संकट पर ध्यान

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप वर्तमान में इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संकट से निपटने में व्यस्त हैं। मंगलवार को, उन्होंने ट्रुथ सोशल पर ईरान से 'बिना शर्त आत्मसमर्पण' की मांग की। उन्होंने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ भी बैठक की।


मुनीर का ईरान के प्रति समर्थन

दिलचस्प बात यह है कि जनरल असीम मुनीर और पाकिस्तान ईरान के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक के रूप में उभरे हैं। वाशिंगटन डीसी में एक भाषण में, मुनीर ने कहा कि उनका देश ईरान के साथ खड़ा है और संघर्ष के जल्द समाप्त होने की उम्मीद करता है।


इजरायल के हवाई हमले

इजरायल ने ईरानी सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हवाई हमलों की एक श्रृंखला शुरू की है, जिसके कारण तेहरान ने जवाबी हमले किए हैं। ट्रंप ने इजरायल के समर्थन में मुखर रहते हुए कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।