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डोनाल्ड ट्रंप का रूस के खिलाफ कड़ा कदम: परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया है। यह कदम रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की धमकी के बाद उठाया गया। रूस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनके पास अमेरिका से अधिक परमाणु पनडुब्बियां हैं। जानें इस तनाव की शुरुआत और दोनों देशों के बीच के ताजा घटनाक्रम के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप का रूस के खिलाफ कड़ा कदम: परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती

ट्रंप का नया आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के प्रति अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए दो परमाणु पनडुब्बियों को रूसी जलक्षेत्र के निकट तैनात करने का निर्देश दिया है। यह जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर साझा की। ट्रंप ने कहा कि यदि रूस की बेतुकी बयानबाजी गंभीर मोड़ लेती है, तो उन्होंने पहले ही आवश्यक स्थानों पर न्यूक्लियर सबमरीन भेज दी हैं। यह बयान रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की हालिया धमकी के संदर्भ में आया है.


रूस की प्रतिक्रिया

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी सांसद विक्टर वोडोलात्स्की ने कहा कि अमेरिका को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के पास अमेरिका से अधिक परमाणु पनडुब्बियां हैं और ट्रंप जिन पनडुब्बियों का जिक्र कर रहे हैं, वे पहले से ही रूस की निगरानी में हैं। वोडोलात्स्की का मानना है कि रूस को इस पर कोई अतिरिक्त प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है.


तनाव की शुरुआत

यह तनाव तब शुरू हुआ जब ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर सवाल उठाए और भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया। इसके जवाब में मेदवेदेव ने 'डेड हैंड सिस्टम' का उल्लेख किया, जो सोवियत काल की एक परमाणु प्रतिक्रिया प्रणाली थी। इसका उद्देश्य यह दर्शाना था कि रूस अब भी सामरिक ताकत में सक्षम है। मेदवेदेव ने ट्रंप का मजाक उड़ाते हुए कहा कि उन्हें 'डेड इकॉनमी' जैसी बातों पर ध्यान देना बंद करना चाहिए और उनके ज़ॉम्बी फिल्मों के प्रेम का भी उल्लेख किया।