डोनाल्ड ट्रंप की इंटेल CEO पर पद छोड़ने की मांग: क्या है विवाद की असली वजह?

ट्रंप की मांग से शुरू हुआ नया विवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटेल के सीईओ लिप-बू टैन से सार्वजनिक रूप से अपने पद से इस्तीफा देने की अपील की है। इस मांग के बाद अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा कि टैन भ्रमित हैं और उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। यह बयान वाशिंगटन में टैन की चीन के साथ बढ़ती नज़दीकियों को लेकर चिंता के बीच आया है।
चीन के साथ पुराने संबंधों पर उठे सवाल
लिप-बू टैन के कैडेंस डिज़ाइन सिस्टम्स में उनके पुराने कार्यकाल की आलोचना हो रही है। यह वही कंपनी है जिसने हाल ही में एक चीनी सैन्य विश्वविद्यालय को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन उपकरण बेचे, जिससे अमेरिकी निर्यात नियमों का उल्लंघन हुआ। उस समय टैन कंपनी के प्रमुख थे।
सीनेटर टॉम कॉटन की चिंताएं
रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने इस विवाद को और बढ़ावा दिया है। उन्होंने इंटेल बोर्ड के चेयरमैन फ्रैंक यिरी को पत्र लिखकर पूछा कि क्या कंपनी ने टैन की पिछली गतिविधियों की जांच की थी, खासकर चीन से जुड़े उनके निवेशों की। कॉटन ने चिंता जताई कि टैन ने चीनी चिप कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें से कुछ का संबंध चीनी सेना या कम्युनिस्ट पार्टी से है।
सिक्योर एन्क्लेव प्रोग्राम पर प्रभाव
सीनेटर कॉटन ने यह भी सवाल उठाया कि क्या एक ऐसे व्यक्ति को इंटेल जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों का हिस्सा होना चाहिए, जिसकी चीन से इतनी गहरी संबद्धता रही हो। सिक्योर एन्क्लेव कार्यक्रम अमेरिका की रक्षा जरूरतों के लिए माइक्रोचिप आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने का प्रयास है, और इसमें सरकारी धन का उपयोग होता है।
निवेश पर उठे सवाल
रिपोर्टों के अनुसार, टैन ने 2012 से 2024 के बीच 200 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश चीनी टेक और चिप कंपनियों में किया था। हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि टैन ने अधिकांश निवेशों को बेच दिया है, लेकिन चीन के सार्वजनिक रिकॉर्ड बताते हैं कि वह अभी भी कुछ कंपनियों से जुड़े हुए हैं।
इंटेल के शेयरों पर असर
इंटेल ने इस विवाद पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने कहा कि वह और टैन दोनों अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और सभी सवालों के उत्तर देने को तैयार हैं। हालांकि, ट्रंप की टिप्पणी के बाद इंटेल के शेयरों में प्री-मार्केट ट्रेडिंग में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई।
विवाद का प्रभाव जारी
यह विवाद केवल सीईओ पद को लेकर नहीं बल्कि अमेरिकी तकनीकी नेतृत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन की जटिलता को भी उजागर करता है। यह देखना बाकी है कि आने वाले दिनों में टैन की नियुक्ति पर क्या असर पड़ता है, लेकिन फिलहाल यह मुद्दा शांत होता नहीं दिख रहा है।