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डोनाल्ड ट्रंप की थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष पर शांति की अपील

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे संघर्ष के लिए तत्काल युद्धविराम की अपील की है। उन्होंने इस संघर्ष की तुलना भारत-पाकिस्तान के सैन्य टकराव से की और चेतावनी दी कि यदि युद्ध जारी रहा, तो अमेरिका व्यापारिक समझौते नहीं करेगा। ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की है और शांति की स्थापना के प्रति आशावादी हैं। जानें इस संघर्ष के बारे में और ट्रंप की शांति की कोशिशों के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप की थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष पर शांति की अपील

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा संघर्ष: तीन दिनों से चल रहे इस खूनी संघर्ष के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थाईलैंड और कंबोडिया से तुरंत युद्धविराम की मांग की है। ट्रंप ने इसे भारत और पाकिस्तान के बीच के सैन्य संघर्ष से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, "इस युद्ध में कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, और यह मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष की याद दिलाता है, जिसे सफलतापूर्वक समाप्त किया गया था।"


ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की है और शांति की स्थापना के प्रति आशावादी हैं। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह हिंसा पिछले एक दशक की सबसे गंभीर मानी जा रही है, जिसमें अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 1.5 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं।


भारत-पाक संघर्ष से तुलना

ट्रंप ने इस संघर्ष को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के समान बताया। उन्होंने कहा, "इस युद्ध में कई लोगों की जान जा रही है, लेकिन यह पूरी तरह से भारत-पाकिस्तान के संघर्ष की याद दिला रहा है, जिसे अंततः सफलतापूर्वक रोका गया था।"


डील न करने की चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि दोनों देश युद्ध जारी रखते हैं, तो अमेरिका किसी भी व्यापारिक समझौते पर विचार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम दोनों देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अगर ये देश युद्ध में उलझे रहेंगे, तो हम किसी के साथ कोई डील नहीं करेंगे। मैंने उन्हें यह स्पष्ट रूप से बता दिया है।"


शांति के लिए आशावादी ट्रंप

थाईलैंड के नेताओं से बातचीत के बाद, ट्रंप ने उम्मीद जताई कि दोनों देश शांति के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, "थाईलैंड, कंबोडिया की तरह, तुरंत युद्धविराम और शांति चाहता है। अब मैं यह संदेश कंबोडिया के प्रधानमंत्री तक पहुंचाने जा रहा हूं। दोनों पक्षों से बात करने के बाद, ऐसा लग रहा है कि युद्धविराम, शांति और समृद्धि स्वाभाविक है। जल्द ही हम इसका परिणाम देखेंगे।"