तमिलनाडु के तटों पर प्लास्टिक नर्डल्स का संकट
हाल ही में एक मालवाहक जहाज के डूबने से तमिलनाडु के तटों पर प्लास्टिक नर्डल्स का संकट उत्पन्न हो गया है। ये छोटे प्लास्टिक कण समुद्री जीवन के लिए खतरा बन गए हैं, क्योंकि समुद्री जीव इन्हें भोजन समझकर निगल सकते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ इस स्थिति की गंभीरता को लेकर चिंतित हैं और संभावित सफाई प्रयासों पर विचार कर रहे हैं। इस घटना ने समुद्री प्रदूषण के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है।
May 29, 2025, 12:32 IST
| समुद्री पर्यावरण पर खतरा
हाल ही में, एक मालवाहक जहाज के डूबने से समुद्र में बिखरे छोटे प्लास्टिक के दाने, जिन्हें 'नर्डल्स' कहा जाता है, अब तमिलनाडु के तटों पर दिखाई दे रहे हैं। यह घटना समुद्री पारिस्थितिकी और तटीय क्षेत्रों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। बताया गया है कि ये नर्डल्स उस जहाज के लदे सामान का हिस्सा थे, जो समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। समुद्री धाराओं के साथ बहते हुए, ये प्लास्टिक कण अब तमिलनाडु के विभिन्न तटीय इलाकों तक पहुँच रहे हैं।इन नर्डल्स का तटों पर आना समुद्री जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक है। समुद्री जीव इन्हें भोजन समझकर निगल सकते हैं, जिससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और पाचन तंत्र में रुकावट आ सकती है। इसके अलावा, ये प्लास्टिक कण तटों को प्रदूषित करते हैं और समय के साथ माइक्रोप्लास्टिक में परिवर्तित हो जाते हैं, जिनका निपटान करना बेहद कठिन होता है और ये लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञ और स्थानीय अधिकारी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं। वे तटों पर बहकर आ रहे इन नर्डल्स की मात्रा और फैलाव का आकलन कर रहे हैं और संभावित सफाई प्रयासों पर विचार कर रहे हैं। यह घटना समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करती है, विशेषकर शिपिंग दुर्घटनाओं से होने वाले प्रदूषण के जोखिम को।