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तमिलनाडु में रैली के दौरान भगदड़ से 38 की मौत, पीएम मोदी ने जताई संवेदना

तमिलनाडु के करूर जिले में आयोजित तमिलगा वेत्री कषगम की रैली में अचानक भगदड़ मच गई, जिससे 38 लोगों की जान चली गई। इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है। इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।
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तमिलनाडु में रैली के दौरान भगदड़ से 38 की मौत, पीएम मोदी ने जताई संवेदना

करूर जिले में हुई दुखद घटना

नई दिल्ली: तमिलनाडु के करूर जिले में आयोजित तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) की रैली में एक भयानक हादसा हुआ। इस रैली के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिससे 38 लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना पूरे राज्य में शोक का माहौल बना गई है।


प्रधानमंत्री की संवेदना और सहायता

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को पीएम राहत कोष से 2 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, जबकि घायलों को 1 लाख रुपए की मदद दी जाएगी।


जांच आयोग का गठन

मुख्यमंत्री ने इस घटना की गहन जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करने का आदेश दिया है। इस आयोग का नेतृत्व हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस अरुणा जगदीशन करेंगी, जिन्हें घटना की पूरी जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिए कहा गया है।


पुलिस की कार्रवाई

डीजीपी जी वेंकटरमन ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डेविडसन के नेतृत्व में 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।


रैली में भीड़ का अनुमान

डीजीपी ने बताया कि तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के पिछले कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उन्हें कार्यक्रम स्थल आवंटित किया गया था। हालांकि, आयोजकों ने लगभग 10 हजार लोगों की उपस्थिति की उम्मीद की थी, लेकिन रैली में लगभग 27 हजार लोग इकट्ठा हो गए थे। विजय के अभियान के दौरान सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मी तैनात थे।