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तमिलनाडु में विजय की रैली में भीड़ का हादसा, 29 से अधिक की मौत

तमिलनाडु में विजय की रैली में अचानक भीड़ का हादसा हो गया, जिसमें 29 से अधिक लोगों की जान चली गई। रैली में 10,000 की अनुमति थी, लेकिन 50,000 लोग जुट गए। विजय ने भाषण रोककर मदद की अपील की, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। जानें इस घटना के पीछे की वजह और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
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तमिलनाडु में विजय की रैली में भीड़ का हादसा, 29 से अधिक की मौत

रैली में उमड़ी भीड़ ने लिया भयानक मोड़

तमिलगा वेट्री कज़गम (TVK) पार्टी की रैली में उम्मीद से कहीं अधिक लोग शामिल हुए, जिससे जश्न का माहौल अचानक मातम में बदल गया। जब विजय मंच पर भाषण दे रहे थे, तभी भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े और सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।


विजय की अपील के बावजूद हालात बिगड़े

जब एंबुलेंस तक पहुंचने में दिक्कत आई, तो विजय ने माइक के जरिए लोगों से अपील की कि रास्ता खाली किया जाए। लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।


आयोजन की अनुमति और भीड़ का आंकड़ा

जिला प्रशासन के अनुसार, आयोजकों ने करूर रैली के लिए केवल 10,000 लोगों की अनुमति ली थी। हालांकि, विजय की लोकप्रियता को देखते हुए अधिकारियों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि लगभग 50,000 लोग जुट सकते हैं। रैली स्थल का आकार केवल 1.20 लाख वर्गफुट था, जिसमें इतनी बड़ी भीड़ का होना एक हादसे का कारण बना।


परिवारों और बच्चों की स्थिति

इस हादसे में कई छोटे बच्चे और परिवार शामिल थे, जो विजय को देखने आए थे। भीड़ में घुटन और धक्का-मुक्की के कारण कई लोग बेहोश हो गए। स्वास्थ्य मंत्री एम ए सुब्रमणियन ने पुष्टि की कि मृतकों की संख्या 29 से अधिक है, और घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.


विजय ने भाषण रोका, मदद की अपील की

जैसे ही विजय ने देखा कि लोग गिर रहे हैं, उन्होंने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की कि वे घायलों की मदद करें और एंबुलेंस के लिए रास्ता खाली करें। विजय ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए जनता की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उनके निर्देश पर कार्यकर्ताओं ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक कई लोगों की जान जा चुकी थी.


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संवेदनाएं

इस घटना ने तमिलनाडु की राजनीति में हलचल मचा दी है। एआईएडीएमके नेता ई. पलानीस्वामी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे 'चौंकाने वाला और दुखद' बताया। पूर्व डीएमके मंत्री वी. सेंथिल बालाजी ने तुरंत अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। अब सवाल उठ रहा है कि रैली की अनुमति और भीड़ प्रबंधन में लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है।