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ताइवान की चीन के खिलाफ युद्ध की तैयारी: 22,000 सैनिकों का अभ्यास

ताइवान ने चीन के खिलाफ संभावित युद्ध की तैयारी के तहत एक विशाल युद्धाभ्यास शुरू किया है, जिसमें 22,000 से अधिक रिजर्व सैनिक शामिल हैं। इस अभ्यास में साइबर हमले और मिसाइल हमलों की तैयारी की जा रही है। चीन ने भी अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है, जबकि अमेरिका ने स्थिति पर नजर रखते हुए अपने सहयोगियों से युद्ध की स्थिति में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी मांगी है। जानें इस तनावपूर्ण स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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ताइवान की चीन के खिलाफ युद्ध की तैयारी: 22,000 सैनिकों का अभ्यास

ताइवान की युद्धाभ्यास की तैयारी

ताइवान और चीन के बीच तनाव: ताइवान ने चीन के खिलाफ संभावित युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। वर्तमान में, ताइवान में एक विशाल युद्धाभ्यास चल रहा है, जिसमें 22,000 से अधिक रिजर्व सैनिक भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास में विनाशकारी मिसाइलों का परीक्षण भी किया जा रहा है। चीन ने इस स्थिति को देखते हुए प्रशांत द्वीप समूह में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ा दिया है।


ताइवान की तैयारी की विशेषताएँ

ताइवान के द्वारा किए जा रहे अभ्यास में साइबर हमलों, मिसाइल हमलों और ज़मीनी लड़ाई की तैयारियों को शामिल किया गया है। इस अभ्यास में हजारों सैनिकों के साथ टैंक, तोपखाने और मिसाइलों का उपयोग किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इस अभ्यास में आम जनता को भी शामिल किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना किया जा सके।


चीन की सैन्य तैयारी

ताइवान की तैयारियों को देखते हुए, चीन ने भी अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजिंग ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का उत्पादन बढ़ा दिया है। J-35 विमानों का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए चीन ने कई मेगा कारखाने स्थापित किए हैं।


इससे यह संकेत मिलता है कि चीन ताइवान पर कब्ज़ा करने की योजना बना रहा है। J-35 विमानों को विशेष रूप से सर्जिकल स्ट्राइक के लिए डिज़ाइन किया गया है, और ये ताइवान के खिलाफ युद्ध में अत्यधिक प्रभावी साबित हो सकते हैं।


अमेरिका की प्रतिक्रिया

चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए, अमेरिका ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। अमेरिका पहले से ही ताइवान की सहायता करता रहा है, लेकिन अब वह युद्ध के संकेतों को भांप रहा है और अपनी तैयारियों को मजबूत कर रहा है। हाल ही में, पेंटागन ने क्षेत्र में अपने सहयोगियों, जापान और ऑस्ट्रेलिया से युद्ध की स्थिति में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी मांगी है। इसके साथ ही, उसने सहयोगियों से क्षेत्र में अपने सैनिकों को तैनात करने का भी अनुरोध किया है।