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तेलंगाना में 13 वर्षीय बच्ची की जबरन शादी का मामला, पुलिस ने की कार्रवाई

तेलंगाना के नांदीगामा में एक 13 वर्षीय बच्ची की जबरन शादी का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। यह घटना तब उजागर हुई जब स्कूल टीचर ने समय पर पुलिस को सूचित किया। बाल विवाह के खिलाफ सख्त कानूनों और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को एक बार फिर से रेखांकित किया गया है।
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तेलंगाना में 13 वर्षीय बच्ची की जबरन शादी का मामला, पुलिस ने की कार्रवाई

तेलंगाना में नाबालिग की शादी का मामला

तेलंगाना समाचार: तेलंगाना के नांदीगामा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां 13 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची की शादी 40 वर्षीय व्यक्ति से कर दी गई। यह घटना हैदराबाद से लगभग 55 किलोमीटर दूर हुई। जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं, अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की।


सौभाग्य से, बच्ची की स्कूल टीचर ने समय पर पुलिस को इस अवैध शादी की सूचना दे दी। यह बच्ची कक्षा 8 की छात्रा है। शिक्षक की सजगता के कारण मामला तुरंत अधिकारियों के संज्ञान में आया और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।


अधेड़ उम्र के व्यक्ति से जबरन शादी

अधेड़ उम्र के व्यक्ति से जबरन शादी


पुलिस को प्राप्त वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि नाबालिग लड़की शादी की माला हाथ में लिए उस अधेड़ व्यक्ति के सामने खड़ी है। उनके साथ एक महिला, जो उस व्यक्ति की पत्नी बताई जा रही है, और एक पुजारी भी मौजूद है, जो शादी की रस्में निभा रहा था।


पुलिस ने मामला दर्ज किया

केस किया दर्ज


इस मामले में पुलिस ने चार व्यक्तियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। इनमें 40 वर्षीय व्यक्ति, उसकी पत्नी, शादी कराने वाला पुजारी और एक बिचौलिया शामिल हैं, जिसने शादी में मदद की। चारों पर 'बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006' के तहत कार्रवाई की गई है।


भारत में बाल विवाह एक गंभीर अपराध है, जो बच्चों के बचपन को समाप्त कर देता है और उन्हें हिंसा, शोषण और मानसिक यातना के खतरे में डालता है। यह उनके शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन करता है। हालांकि, कुछ राज्यों ने इस बुराई के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, असम में 2021-22 से 2023-24 के बीच बाल विवाह के मामलों में 81% की कमी आई है, जो एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।


यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ देशभर में सख्त कानूनों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और सतर्कता भी अत्यंत आवश्यक है। यदि स्कूल टीचर समय पर सूचना नहीं देती, तो एक निर्दोष बच्ची की पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती थी।