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तेलंगाना में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावना

तेलंगाना में स्थानीय निकाय चुनावों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि वह अगले चार दिनों में पंचायत राज संस्थाओं के लिए चुनाव अधिसूचना जारी करने जा रही है। इस निर्णय से चुनावी गतिविधियाँ तेज होंगी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और चुनावी प्रक्रिया की स्थिति के बारे में।
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तेलंगाना में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावना

तेलंगाना में चुनावी गतिविधियों में तेजी

तेलंगाना में स्थानीय निकाय चुनावों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। राज्य सरकार ने तेलंगाना हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह अगले चार दिनों में पंचायत राज संस्थाओं के लिए चुनाव अधिसूचना जारी करने की योजना बना रही है। इस घोषणा से पंचायत, जिला परिषद और मंडल परिषद चुनावों का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।


यह निर्णय हाईकोर्ट द्वारा एक अवमानना मामले में की गई सख्त टिप्पणी के बाद लिया गया है। अदालत ने चुनाव प्रक्रिया में हो रही देरी पर सरकार की आलोचना की थी और चेतावनी दी थी कि यदि जल्दी अधिसूचना जारी नहीं की गई, तो वह एकतरफा आदेश पारित कर सकती है। चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस जे अनिल कुमार की खंडपीठ ने सरकार को अंतिम अवसर देते हुए इस मामले पर स्पष्टता लाने को कहा था, जिसके बाद सरकार ने चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया।


राज्य में मौजूदा स्थानीय निकायों का कार्यकाल 31 जनवरी, 2024 को समाप्त हो चुका है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव जी निरंजन ने स्थानीय निकायों को विशेष अधिकारी शासन के अधीन रखने के सरकारी निर्णय को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराए जाने चाहिए थे।


इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को कई बार चुनाव प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। लेकिन जब सरकार ने अदालत के आदेशों का पालन नहीं किया, तो याचिकाकर्ता ने अवमानना का मामला दायर किया, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अब यह अंतिम चेतावनी दी थी।


सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता इमरान खान ने अदालत को बताया कि पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का निर्धारण एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस घोषणा के बाद राज्य चुनाव आयोग अब चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में तेलंगाना के गांवों और कस्बों में चुनावी माहौल गर्म हो जाएगा।