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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का अंत: मलेशिया की मध्यस्थता से हुआ युद्दविराम

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा विवाद का समाधान मलेशिया की मध्यस्थता से हुआ है। दोनों देशों ने बिना किसी शर्त के युद्दविराम पर सहमति जताई है। इस संघर्ष में कई सैनिकों की जान गई थी। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और कैसे मलेशिया ने इस विवाद को सुलझाने में मदद की।
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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का अंत: मलेशिया की मध्यस्थता से हुआ युद्दविराम

थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष का समाधान

थाईलैंड-कंबोडिया युद्दविराम: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे गंभीर सीमा विवाद का समाधान आज, 28 जुलाई को हो गया। मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों देशों ने बिना किसी शर्त के तुरंत युद्दविराम पर सहमति जताई है।


इस संघर्ष में मलेशिया ने मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसके बाद आज दोनों देशों के प्रधानमंत्री मलेशिया की राजधानी में मिले। इस बैठक में युद्दविराम का निर्णय लिया गया।


मलेशिया की मध्यस्थता का महत्व


मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बताया कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे सीमा विवाद पर दोनों देशों ने बिना किसी शर्त के संघर्ष विराम पर सहमति दी है। यह कदम मलेशिया की मध्यस्थता के बाद उठाया गया है। यह संघर्ष पिछले एक दशक में सबसे गंभीर था। पिछले सप्ताह, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले करने का आरोप लगाया था, जिससे स्थिति और बिगड़ गई थी। दोनों ओर से भारी हवाई हमले किए गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों देशों से बातचीत कर इस संघर्ष को समाप्त करने की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोनों देश बात नहीं मानते हैं, तो अमेरिका के साथ व्यापार समझौता प्रभावित हो सकता है।


वार्ता में शामिल प्रमुख नेता


आज मलेशिया की राजधानी, पुत्राजया में इस विवाद पर वार्ता आयोजित की गई, जिसमें कंबोडियाई प्रधानमंत्री और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री शामिल हुए। यह बैठक मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के निवास पर हुई। इस वार्ता में चीनी और अमेरिकी राजदूत भी उपस्थित थे। सभी देशों की मौजूदगी में दोनों देशों ने युद्दविराम का निर्णय लिया। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की। इस संघर्ष में कई कंबोडियाई और थाई सैनिकों की जान गई।