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दशहरा 2025: विजयादशमी की तिथि और महत्व

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। 2025 में यह पर्व 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो गांधी जयंती के साथ भी मेल खाता है। इस दिन लोग पूजा-पाठ, रावण दहन और अन्य धार्मिक रस्में निभाते हैं। जानें इस पर्व का महत्व और इसे मनाने के विभिन्न तरीके।
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दशहरा 2025: विजयादशमी की तिथि और महत्व

दशहरा 2025 कब है: विजयादशमी का महत्व

Dussehra 2025 कब है: विजयादशमी 2025 में कब है: दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख और पवित्र त्योहारों में से एक है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया और मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया।


दशहरा 2025 का पर्व 2 अक्टूबर, गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूजा का समापन भी होगा। विशेष रूप से, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती भी मनाई जाती है। आइए, दशहरा 2025 की तिथि, समय और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।


दशहरा 2025 की तिथि और समय

दशहरा 2025 का पर्व 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2:19 बजे से आरंभ होगी और 2 अक्टूबर को दोपहर 12:32 बजे समाप्त होगी। इस समय के दौरान लोग पूजा-पाठ, रावण दहन और अन्य धार्मिक रस्में निभाते हैं। यह समय धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।


दशहरा का महत्व

दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व पूरे भारत में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन होता है और रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। पूर्वी भारत में दुर्गा पूजा और मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के साथ यह पर्व मनाया जाता है।


दक्षिण भारत में आयुध पूजा और विद्यारंभ जैसे रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। मैसूर और कुल्लू का दशहरा अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जहां विदेशी पर्यटक भी इस उत्सव का आनंद लेने आते हैं।


विशेष अवकाश का दिन

दशहरा भारत में एक गैजेटेड अवकाश का दिन है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, बैंक और सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। चाहे रावण दहन हो या दुर्गा विसर्जन, यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का अवसर है।


इस दशहरा 2025 पर अपने परिवार के साथ इस पवित्र त्योहार को मनाएं और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाएं। मैसूर और कुल्लू जैसे स्थानों पर होने वाले भव्य आयोजनों को देखने का योजना बनाएं और इस खास दिन को यादगार बनाएं!