दार्जिलिंग में भूस्खलन से तबाही: पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने जताया शोक

दार्जिलिंग में भूस्खलन की घटना
दार्जिलिंग में भूस्खलन की त्रासदी: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक व्यक्त किया है। लगातार बारिश के चलते पुलों के ढहने और कई घरों के बह जाने से कम से कम 17 लोगों की जान चली गई है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर ध्यान दे रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'दार्जिलिंग में पुल हादसे से हुई जानमाल की क्षति से गहरा दुख हुआ। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।' उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
Deeply pained by the loss of lives due to a bridge mishap in Darjeeling. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover soon.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 5, 2025
The situation in Darjeeling and surrounding areas is being closely monitored in the wake of heavy rains and landslides. We…
राष्ट्रपति मुर्मू का संवेदनशील संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, 'दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत कार्यों की सफलता व घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करती हूं।'
The tragic loss of lives due to heavy rain and landslides in Darjeeling, West Bengal, is distressing. I express my heartfelt condolences to the bereaved families. I pray for the success of rescue and relief operations and wish a speedy recovery to those injured.
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 5, 2025
मौतों की संख्या में वृद्धि की आशंका
दार्जिलिंग की मिरीक-सुखियापोखरी सड़क पर बड़े भूस्खलन के कारण कई घर बह गए और रास्ते अवरुद्ध हो गए। जिला अधिकारियों के अनुसार, बिश्नुलाल गांव, वार्ड 3 लेक साइड और जसबीर गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां छह मौतों की पुष्टि हुई है। एक मौत पास के चाय बागान में भी हुई है। मौतों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
अस्थायी राहत शिविरों की स्थापना
स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा प्रतिक्रिया बल राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। कई घर और चाय बागान की कॉलोनियां मलबे में दब गई हैं। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और मेडिकल टीमों को एनजीओ के सहयोग से राहत सामग्री और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैनात किया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग समेत उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में 6 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने भूस्खलन और सड़क अवरोध की संभावना भी जताई है।