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दिल्ली एयरपोर्ट पर E-Arrival Card: विदेशी यात्रियों के लिए नई डिजिटल सुविधा

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 1 अक्टूबर 2025 से E-Arrival Card की सुविधा शुरू होने जा रही है। यह नई प्रणाली विदेशी यात्रियों को मैन्युअल पेपर-आधारित आगमन कार्ड भरने की आवश्यकता से मुक्त करेगी। अब यात्री अपनी जानकारी ऑनलाइन भर सकेंगे, जिससे समय की बचत होगी और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा। यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और भारत को वैश्विक स्तर की सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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दिल्ली एयरपोर्ट पर E-Arrival Card: विदेशी यात्रियों के लिए नई डिजिटल सुविधा

दिल्ली एयरपोर्ट पर E-Arrival Card की शुरुआत

दिल्ली एयरपोर्ट E-Arrival Card: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए एक नई सुविधा का आगाज़ होने जा रहा है। 1 अक्टूबर 2025 से, विदेशी यात्रियों को अब मैन्युअल पेपर-आधारित आगमन कार्ड भरने की आवश्यकता नहीं होगी। वे अपनी आगमन जानकारी को ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पहले से ही भर सकेंगे। इस नई व्यवस्था को 'E-Arrival Card' के नाम से जाना जाएगा। आइए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं...


नई ई-अराइवल कार्ड सुविधा का विवरण
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह सुविधा ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अंतर्गत शुरू की जा रही है। यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को उनकी आगमन संबंधी जानकारी एक डिजिटल फॉर्म के जरिए भरने की अनुमति देती है, जिसे वे अपनी यात्रा से तीन दिन पहले तक कभी भी ऑनलाइन भर सकते हैं। इससे यात्रियों को हवाई अड्डे पर लाइन में खड़े होकर पेपर फॉर्म भरने की परेशानी नहीं होगी।


समय की बचत और पर्यावरण संरक्षण
DIAL के अनुसार, यह प्रणाली ना केवल यात्रियों के लिए प्रक्रिया को अधिक सुगम और तेज बनाएगी, बल्कि हवाई अड्डे की कुशलता और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को भी सहयोग देगी। पेपर कार्ड की जगह डिजिटल प्रणाली अपनाने से कागज की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा। इसके साथ ही, इमिग्रेशन डेस्क पर भीड़भाड़ और कतारें कम होंगी।


अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कदम
दिल्ली एयरपोर्ट पर शुरू की जा रही यह सेवा दुनिया के कई अग्रणी देशों की नकल पर आधारित है। थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देशों में ऐसी डिजिटल एराइवल सुविधाएं पहले से ही मौजूद हैं। अब भारत भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को वैश्विक स्तर की सेवा मिल सकेगी।


इससे पहले भी हुई थी एक पहल, FTI-TTP
गौरतलब है कि जून 2024 में भारत ने अपना पहला "फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP)" शुरू किया था, जो कि भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारकों के लिए था। उस कार्यक्रम के तहत यात्रियों को तेज़ और स्वचालित इमिग्रेशन प्रक्रिया का लाभ मिल रहा है। E-Arrival Card उसी दिशा में आगे बढ़ाया गया एक और डिजिटल प्रयास है।