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दिल्ली के लाल किले के पास धमाके की नई जानकारी: आत्मघाती नहीं था हमला

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की प्रारंभिक जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। यह हमला आत्मघाती नहीं था, बल्कि संदिग्ध ने घबराहट में विस्फोट को अंजाम दिया। बम पूरी तरह विकसित नहीं था, जिससे नुकसान सीमित रहा। हाल की छापेमारी ने संदिग्ध पर दबाव बढ़ा दिया था, जिससे बड़ा हमला टल गया। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली के लाल किले के पास धमाके की नई जानकारी: आत्मघाती नहीं था हमला

दिल्ली में धमाके की जांच में नई जानकारियाँ


नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के निकट हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। हालाँकि, प्रारंभिक जांच में इस घटना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार, यह हमला आत्मघाती नहीं था, बल्कि संदिग्ध ने घबराहट में विस्फोट को अंजाम दिया।


जांच एजेंसियों के अनुसार, बम पूरी तरह से विकसित नहीं था और संदिग्ध पर बढ़ते दबाव के कारण उसने जल्दबाजी में इसे सक्रिय कर दिया। इस वजह से एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम हो गई।


आत्मघाती हमला नहीं था धमाका

सूत्रों के अनुसार, लाल किले के पास हुआ धमाका आत्मघाती नहीं था। संदिग्ध ने किसी लक्ष्य से टकराने या खुद को उड़ाने का प्रयास नहीं किया। जब वाहन चल रहा था, उसी समय विस्फोट हुआ। यह स्पष्ट संकेत है कि संदिग्ध ने पैनिक में ट्रिगर दबा दिया। बम के अधूरे होने के कारण इसकी मारक क्षमता सीमित रही और बड़ा नुकसान नहीं हुआ।


अधूरा बम, सीमित हुआ नुकसान

प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि जिस आईईडी का इस्तेमाल किया गया था, वह पूरी तरह विकसित नहीं था। धमाके से कोई गड्ढा नहीं बना और घटनास्थल से कोई छर्रे या घातक प्रोजेक्टाइल नहीं मिले। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि विस्फोटक में भारी तबाही मचाने की क्षमता नहीं थी, लेकिन यह संकेत देता है कि तैयारी किसी बड़े हमले की थी।


दिल्ली-NCR और पुलवामा में छापेमारी का असर

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में की गई सुरक्षा एजेंसियों की छापेमारी ने संदिग्धों पर दबाव बढ़ा दिया था। बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए जाने के बाद संदिग्ध ने घबराहट में विस्फोट को समय से पहले अंजाम दे दिया। एजेंसियों का मानना है कि अगर संदिग्ध को समय मिल जाता, तो यह हमला कहीं ज्यादा बड़ा हो सकता था।


हमले का पैटर्न नहीं हुआ फॉलो

जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि संदिग्ध ने पारंपरिक आत्मघाती कार बमिंग के पैटर्न का पालन नहीं किया। उसने वाहन को किसी लक्ष्य से टकराने की कोशिश नहीं की और न ही किसी निर्धारित स्थान पर विस्फोट किया। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संदिग्ध की योजना पूरी तरह परिपक्व नहीं थी और परिस्थितियों ने उसे जल्दबाजी में कदम उठाने पर मजबूर किया।


देशव्यापी सतर्कता ने बचाई जानें

सूत्रों के अनुसार, यह बड़ा हमला 'देशव्यापी सतर्कता और समन्वित कार्रवाई' की वजह से टल गया। हाल के महीनों में सुरक्षा एजेंसियों ने जिन मॉड्यूल्स पर कार्रवाई की थी, उसने आतंकियों की योजनाओं को समय से पहले नाकाम कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सफलता ने देश में आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने की दिशा में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।