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दिल्ली के स्कूल में छात्र की आत्महत्या: शिक्षकों पर गंभीर आरोप

दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 16 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली, जिसके पीछे शिक्षकों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्कूल ने संबंधित शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। परिवार और दोस्तों के बयान भी चौंकाने वाले हैं, जो इस घटना के पीछे के कारणों को उजागर करते हैं। क्या यह घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है? पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
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दिल्ली के स्कूल में छात्र की आत्महत्या: शिक्षकों पर गंभीर आरोप

दिल्ली में छात्र की आत्महत्या की घटना


नई दिल्ली: दिल्ली के एक प्रतिष्ठित विद्यालय में 16 वर्षीय 10वीं कक्षा के छात्र ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में छात्र ने अपने शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है।


यह घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और स्कूलों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाती है। इस मामले में पुलिस ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं।


घटना का विवरण

मंगलवार को दोपहर, छात्र पश्चिम दिल्ली के एक ऊंचे मेट्रो स्टेशन से कूद गया। पुलिस को उसके बैग से एक डेढ़ पेज का हाथ से लिखा नोट मिला, जिसमें उसने कुछ शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका के नाम लिखकर कहा कि वे उसे लगातार परेशान कर रहे थे।


नोट में उल्लेखित नामों के आधार पर, पुलिस ने स्कूल के तीन शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 107 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है।


स्कूल और सरकार की प्रतिक्रिया

घटना के दो दिन बाद, स्कूल ने तुरंत तीन शिक्षकों और प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने भी एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त निदेशक हर्षित जैन कर रहे हैं। समिति को तीन दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।


परिवार और दोस्तों की प्रतिक्रिया

मृतक छात्र के पिता ने बताया कि सोमवार को ही उनके बेटे ने शिकायत की थी कि शिक्षक उसे बहुत परेशान कर रहे हैं। पिता ने उसे समझाया कि बोर्ड परीक्षा के बाद वह स्कूल बदल देंगे। छात्र को बार-बार स्कूल से निकालने की धमकी भी मिलती थी।


परिवार का कहना है कि छात्र ने पहले भी स्कूल काउंसलर से अपनी समस्याओं और आत्महत्या के विचारों के बारे में बताया था, लेकिन काउंसलर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। छात्र के चाचा ने कहा, “उसने काउंसलर को बताया था लेकिन उसे टाल दिया गया।”


क्लासमेट के बयान

छात्र के कई दोस्तों ने पुलिस को बताया कि शिक्षक सच में उसे निशाना बनाते थे। एक क्लासमेट ने कहा, “जो कुछ उसने नोट में लिखा है, सब सही है। वह शिक्षकों से बहुत डरा हुआ था। हम अगले दो-तीन दिन में प्रिंसिपल से इसकी शिकायत करने वाले थे।”


पुलिस जांच का विवरण

पुलिस स्कूल और मेट्रो स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। कई छात्रों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और आगे भी लिए जाएंगे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।