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दिल्ली दंगों पर पुलिस ने दाखिल की 177 पन्नों की चार्जशीट

दिल्ली पुलिस ने 2020 के दंगों के मामले में 177 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि ये दंगे एक साजिश के तहत हुए थे, जिसमें उमर खालिद मुख्य साजिशकर्ता है। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि आरोपी बार-बार झूठी याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया में बाधा आ रही है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर सुनवाई करेगा।
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दिल्ली दंगों पर पुलिस ने दाखिल की 177 पन्नों की चार्जशीट

दिल्ली दंगों की चार्जशीट


नई दिल्ली:  दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस ने 177 पन्नों की चार्जशीट प्रस्तुत की है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा दाखिल किया, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि 2020 में हुए दंगे एक साजिश के तहत हुए थे।


पुलिस के अनुसार, गवाहों के बयान, दस्तावेज और तकनीकी सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि ये दंगे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करके योजनाबद्ध तरीके से किए गए थे। पुलिस का दावा है कि इस दंगे का मुख्य साजिशकर्ता उमर खालिद था।


पुलिस ने बताया कि इस साजिश के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा फैलाने की कोशिश की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और कर्नाटक जैसे राज्य शामिल थे। उमर खालिद और शरजील इमाम को साजिशकर्ताओं के रूप में नामित किया गया है। फरवरी 2020 में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 23 से 26 फरवरी के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 53 लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।


झूठी याचिकाओं का मामला

दिल्ली पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वकील रजत नायर और ध्रुव पांडे ने पेशी दी। पुलिस ने अदालत में कहा कि आरोपी बार-बार झूठी याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं, जिससे केस की सुनवाई में देरी हो रही है। यह न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने के समान है। सुप्रीम कोर्ट अब पुलिस के हलफनामे पर सुनवाई करेगा। पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा है कि CAA के खिलाफ जनविरोध को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।


भारत की संप्रभुता पर हमला

पुलिस के अनुसार, इस पूरे अभियान का उद्देश्य भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना था। दिल्ली पुलिस ने शीर्ष अदालत को बताया कि यह हिंसा केवल दिल्ली तक सीमित नहीं थी, बल्कि उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, केरल और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में भी इसी तरह की हिंसा का पैटर्न देखा गया। पुलिस ने इसे एक राष्ट्रव्यापी संगठित हिंसा का रूप बताया है।


पुलिस का कहना है कि उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। चार्जशीट में खालिद का नाम कई बार आया है। हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कुछ आरोपियों, जिनमें उमर खालिद और शरजील इमाम शामिल हैं, पर न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।