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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: यात्रा को बनाएगा तेज और सुविधाजनक

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, जो केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, अब यात्रियों के लिए एक नई सुविधा प्रदान कर रहा है। 41 किलोमीटर का यह खंड पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जिससे सहारनपुर से देहरादून की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। जानें इस परियोजना के बारे में और इसके लाभों के बारे में विस्तार से।
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: यात्रा को बनाएगा तेज और सुविधाजनक

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का महत्व

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: अब लंबी यात्रा कुछ ही घंटों में पूरी करें: केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में देशभर में यातायात को सुगम और तेज बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।


इनमें से एक प्रमुख परियोजना है दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, जो उत्तर भारत के यात्रियों के लिए एक नई सुविधा के रूप में उभर रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना का 41 किलोमीटर लंबा खंड अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जो सहारनपुर से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी को कम करेगा। इस नए मार्ग से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा भी अधिक आरामदायक और सुरक्षित होगी।


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रदीप गोसांई ने जानकारी दी कि इस खंड में सभी नौ पुलों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इनमें से शेरपुर खानाजादपुर पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है, जबकि अन्य पुलों पर भी जल्द ही ट्रैफिक शुरू होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 210 किलोमीटर है, जिसे चार हिस्सों में विभाजित किया गया है।


पहला खंड अक्षरधाम (दिल्ली) से बागपत के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक (32 किमी), दूसरा खंड ईस्टर्न पेरिफेरल से सहारनपुर बाईपास लाखनौर तक (118 किमी), तीसरा खंड लाखनौर से गणेशपुर तक (41 किमी), और चौथा खंड गणेशपुर से देहरादून के आसारोडी तक (19 किमी) है। इसके अतिरिक्त, 12 किलोमीटर का एक विशेष वन्यजीव गलियारा भी बनाया जा रहा है, जो एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव कॉरिडोर होगा।


इस परियोजना की कुल लागत लगभग 13,000 करोड़ रुपये है, और इसे चार चरणों में तेजी से पूरा किया जा रहा है। गोसांई ने बताया कि पहले और चौथे चरण का कार्य पहले ही समाप्त हो चुका है, जबकि तीसरे चरण का काम इस महीने के अंत तक पूरा होने की संभावना है।


हालांकि, डाट काली मंदिर के पास वायाडक्ट का निर्माण कार्य अभी बाकी है। यह एक्सप्रेसवे न केवल दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।


इस नए मार्ग के निर्माण से सहारनपुर, बागपत और देहरादून जैसे शहरों के निवासी अब कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। पर्यटकों के लिए भी यह एक वरदान साबित होगा, क्योंकि देहरादून और आसपास के हिल स्टेशनों तक पहुंचना अब पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक होगा।


केंद्र सरकार और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की इस पहल को स्थानीय लोग बहुत सराह रहे हैं। यह परियोजना न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।