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दिल्ली पुलिस की महिला सब-इंस्पेक्टर का आत्महत्या मामला: जांच जारी

दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में एक 29 वर्षीय महिला सब-इंस्पेक्टर, सविता, ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सविता की पहचान 2021 बैच की सब-इंस्पेक्टर के रूप में हुई है, जो हरियाणा के झज्जर की निवासी थीं। उनके परिवार और सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है ताकि यह जान सकें कि क्या वह किसी मानसिक तनाव का सामना कर रही थीं। यह घटना समाज के लिए एक गहरा आघात है।
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दिल्ली पुलिस की महिला सब-इंस्पेक्टर का आत्महत्या मामला: जांच जारी

दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर की आत्महत्या

दिल्ली सब-इंस्पेक्टर आत्महत्या मामला: 25 जुलाई को दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र से एक दुखद घटना की सूचना मिली है। दिल्ली पुलिस की 29 वर्षीय महिला सब-इंस्पेक्टर, सविता, ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मृतका की पहचान 2021 बैच की सब-इंस्पेक्टर सविता के रूप में हुई है, जो हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव की निवासी थीं। वह अमन विहार पुलिस थाने में तैनात थीं और रोहिणी सेक्टर-11 में रह रही थीं। सविता को एक समर्पित अधिकारी के रूप में जाना जाता था।




भाई ने दरवाजा तोड़कर किया प्रयास

पुलिस को संदिग्ध आत्महत्या की सूचना एक कॉल के माध्यम से मिली। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पता चला कि सविता अपने कमरे में पंखे से लटकी हुई थीं। उनके भाई को जब अनहोनी का संदेह हुआ, तो उसने कमरे की जाली तोड़कर अंदर प्रवेश किया और सविता को नीचे उतारा। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


आत्महत्या के कारणों की जांच

पुलिस ने धारा 174 के तहत जांच शुरू कर दी है ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजहों का पता लगाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस सविता के परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह जान सकें कि क्या वह किसी मानसिक तनाव या पारिवारिक समस्या का सामना कर रही थीं।


एक युवा जीवन का अंत

सविता की उम्र केवल 29 वर्ष थी और उन्होंने हाल ही में दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा शुरू की थी। उनका अचानक चला जाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पुलिस विभाग और समाज के लिए भी एक गहरा आघात है। यह घटना सभी को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक प्रतिभाशाली पुलिस अधिकारी को ऐसा कठोर कदम उठाना पड़ा।