Newzfatafatlogo

दिल्ली पुलिस के बांग्ला भाषा विवाद पर तृणमूल कांग्रेस का तीखा हमला

दिल्ली पुलिस ने बांग्ला भाषा को 'बांग्लादेशी भाषा' कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और माफी की मांग की है। सांसद अभिषेक बनर्जी ने इसे भाजपा की एक सोची-समझी साजिश बताया है, जिसका उद्देश्य बंगाल की सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करना है। उन्होंने भाजपा पर बांग्ला विरोधी होने का आरोप लगाया और जांच अधिकारी के निलंबन की मांग की। इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
 | 
दिल्ली पुलिस के बांग्ला भाषा विवाद पर तृणमूल कांग्रेस का तीखा हमला

दिल्ली पुलिस का विवादास्पद बयान

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बांग्ला भाषा को 'बांग्लादेशी भाषा' के रूप में संदर्भित कर विवाद खड़ा कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाते हुए पुलिस से माफी की मांग की है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिल्ली पुलिस ने 29 जुलाई को बंगा भवन को एक आधिकारिक पत्र लिखा, जिसमें बांग्ला भाषा को गलत तरीके से बांग्लादेशी भाषा कहा गया।


दिल्ली पुलिस के पत्र में उल्लेख किया गया था, 'हमने अवैध रूप से भारत में रह रहे आठ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से मिले दस्तावेज बांग्लादेशी भाषा में हैं। कृपया आगे की जांच के लिए बांग्लादेशी राष्ट्रीय भाषा का एक आधिकारिक अनुवादक उपलब्ध कराएं।' इस पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।


अभिषेक बनर्जी का बयान

अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'दिल्ली पुलिस की यह गलती मामूली नहीं है। यह भाजपा की एक सोची-समझी साजिश है, जिसका उद्देश्य बंगाल को बदनाम करना और हमारी सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करना है।' उन्होंने आगे कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का उल्लंघन है।


उन्होंने स्पष्ट किया कि 'बांग्लादेशी' नाम की कोई भाषा नहीं है और बांग्ला को विदेशी भाषा कहना केवल अपमान नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान और संस्कृति पर हमला है। अभिषेक ने भाजपा पर बांग्ला विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।


अभिषेक ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्हें भारत की विविधता का कोई सम्मान नहीं है और उन्होंने जांच अधिकारी अमित दत्त को तुरंत निलंबित करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस, भाजपा और गृह मंत्रालय से औपचारिक माफी की मांग की।