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दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप, एआई वीडियो विवाद में दर्ज हुआ मामला

दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक एआई जनित वीडियो विवाद में मामला दर्ज किया है। भाजपा ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां की छवि को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया। इस मामले में कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप, एआई वीडियो विवाद में दर्ज हुआ मामला

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ गंभीर आरोपों के तहत एक मामला दर्ज किया है। यह विवाद एक एआई जनित वीडियो से संबंधित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां का चित्रण किया गया है। भाजपा ने इसे अत्यंत आपत्तिजनक बताते हुए पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। भाजपा की शिकायत के आधार पर नॉर्थ एवेन्यू थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें कांग्रेस और उसकी आईटी सेल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.


किस धाराओं में दर्ज हुआ मामला

यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया है, जिनमें धारा 318(2), 336(3), 336(4), 340(2), 352, 356(2) और 61(2) शामिल हैं। एफआईआर संख्या 0050 के अनुसार, पुलिस अब इस वीडियो को बनाने और प्रसारित करने वालों की पहचान करने में जुटी है.


विवाद की शुरुआत

यह मामला तब शुरू हुआ जब बिहार कांग्रेस ने 10 सितंबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो साझा किया। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह वीडियो एआई तकनीक से तैयार किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को उनकी दिवंगत मां के साथ दिखाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया। भाजपा ने इसे 'घृणित' करार देते हुए कहा कि यह न केवल प्रधानमंत्री बल्कि देश की हर मां और बहन का अपमान है.


भाजपा नेता की शिकायत

भाजपा दिल्ली के चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक संकेत गुप्ता ने 12 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि कांग्रेस ने अपने आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर यह डीपफेक वीडियो साझा किया। इस कृत्य से प्रधानमंत्री की छवि, सम्मान और गरिमा को नुकसान पहुंचा है.


व्यक्तिगत हमले और राजनीतिक लाभ का आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया है कि वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री और उनकी मां की छवि को तोड़ा-मरोड़ा गया है। महिलाओं के त्याग और बलिदान का अपमान किया गया है। राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी सामग्री का सहारा लिया गया और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया। इसे राष्ट्र की नैतिकता और लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ अपराध बताया गया.


पुलिस से की गई मांग

शिकायत में यह मांग की गई है कि तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जाए। संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया से हटाया जाए और तकनीकी पहलुओं जैसे आईपी लॉग की जांच की जाए। साथ ही, दोषियों की पहचान कर उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए.


कानूनों का हवाला

भाजपा नेता ने अपनी शिकायत में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 356 (मानहानि), 336 (इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जालसाजी), 351 (शांति भंग करने के लिए सामग्री प्रसार) के साथ-साथ आईटी एक्ट 2000 की धारा 66D और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 का भी हवाला दिया। शिकायत में कहा गया कि प्रधानमंत्री और उनकी मां की गरिमा की रक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई जरूरी है.


आगे की कार्रवाई

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब वीडियो के तकनीकी स्रोतों की जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी और जिम्मेदार लोगों को कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा.