दिल्ली बम धमाके की जांच में नए खुलासे: डॉ. उमर की संदिग्ध गतिविधियाँ
जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा, लेक्चर लेने नहीं आता था उमर
दिल्ली में हुए बम धमाके की जांच में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हालिया जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इस हमले की योजना इसी विश्वविद्यालय में बनाई गई थी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इसमें दो प्रमुख नाम हैं: डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर। जहां डॉ. उमर इस धमाके में मारे गए, वहीं डॉ. मुजम्मिल को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
शुरू से ही बेहद कम क्लास लेता था उमर
डॉ. उमर के सहकर्मियों का कहना है कि जब से उन्होंने विश्वविद्यालय में कार्यभार संभाला, तब से उनकी उपस्थिति बहुत कम रही। वह अक्सर अपने कमरे में ही रहते थे और अन्य लोगों से बातचीत नहीं करते थे। उनकी ज्यादातर बातचीत डॉ. मुजम्मिल के साथ होती थी। वह सप्ताह में केवल एक या दो लेक्चर लेते थे, जो अधिकतम 15-20 मिनट तक चलते थे। अन्य लेक्चरारों की तुलना में उनकी उपस्थिति बहुत कम थी।
ज्यादातर रात की शिफ्ट में करते थे ड्यूटी
डॉ. उमर की ड्यूटी हमेशा शाम या रात की शिफ्ट में लगाई जाती थी। उन्हें कभी भी सुबह की शिफ्ट में नहीं रखा गया। उनकी शिफ्ट शाम 5 बजे से रात 12 बजे और रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक होती थी। हालांकि, वह अक्सर ड्यूटी पर नहीं आते थे। जब भी कोई मरीज उनकी ड्यूटी के समय अस्पताल में आता, तो उन्हें बार-बार कॉल करके बुलाना पड़ता था।
अल फलाह ग्रुप का चेयरमैन ईडी ने किया गिरफ्तार
हाल ही में, अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पीएमएलए की धारा 19 के तहत की गई है। यह कार्रवाई अल फलाह से जुड़े परिसरों पर की गई सर्च के दौरान मिले सबूतों के आधार पर की गई है।
