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दिल्ली में 502 पालना घरों का वर्चुअल शुभारंभ, महिलाओं और बच्चों के लिए नई पहल

दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 502 पालना घरों का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह पहल कामकाजी माताओं को सहारा देने के लिए शुरू की गई है, जिसमें बच्चों को पौष्टिक आहार और सुरक्षित देखभाल मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इसे देश के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में और कैसे यह माताओं और बच्चों के जीवन को प्रभावित करेगा।
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दिल्ली में 502 पालना घरों का वर्चुअल शुभारंभ, महिलाओं और बच्चों के लिए नई पहल

दिल्ली में पालना घरों का शुभारंभ

- केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 502 पालना घरों का वर्चुअल शुभारंभ किया


- केंद्रीय मंत्री ने कहा: दिल्ली का क्रेच मॉडल बनेगा देश के लिए प्रेरणा


- मुख्यमंत्री ने कहा: पालना को देश के सामने मॉडल के रूप में पेश करेगी सरकार


- पालना घर की कार्यकर्ता अब ‘मौसी’ कहलाएंगी, बच्चों को मिलेगा मां जैसा स्नेह


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से शुरू हुए ‘सेवा पखवाड़ा’ के अंतर्गत, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली के न्यू अशोक नगर में 502 पालना घर सह क्रेच केंद्रों का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार इस पहल को देश के सामने एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगी।


इस कार्यक्रम में केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों एवं सड़क परिवहन राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, विधायक रविकांत, रवि नेगी, और महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव रश्मि सिंह भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल पर विशेष ध्यान दिया गया।


केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित पालना घर कामकाजी माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा साबित होंगे। यहां बच्चों को पौष्टिक आहार, खिलौने और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बेहतर देखभाल मिलेगी। उन्होंने स्थानीय रेसिपियों और पोषण चौपाल की सराहना की और विश्वास जताया कि बच्चों को सुरक्षित माहौल मिलेगा।


मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि ये 502 केंद्र कामकाजी माताओं को आवश्यक सहारा प्रदान करेंगे। यहां बच्चों को पौष्टिक भोजन और प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा मिलेगी, जिससे माताएं अपने रोजगार को बिना किसी चिंता के निभा सकेंगी। उन्होंने घोषणा की कि आंगनवाड़ी और क्रेच कार्यकर्ताओं को ‘मौसी’ कहा जाएगा, जिसका अर्थ है मां जैसा प्यार देने वाली।


दिल्ली सरकार ने मातृशक्ति और बाल सुरक्षा को समर्पित एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मिशन शक्ति के अंतर्गत पालना योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के तहत 502 पालना आंगनवाड़ी सह क्रेच केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए सुरक्षित देखभाल, पौष्टिक आहार और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल कामकाजी माताओं को अपने दायित्व निभाने में सहारा प्रदान करेगी।