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दिल्ली में अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापेमारी: धमाके की जांच में तेजी

दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए धमाके की जांच में तेजी आई है, जिसमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापेमारी की गई है। मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी की पहचान की गई है, और उनके संबंधों की जांच की जा रही है। चांसलर के भाई की गिरफ्तारी ने मामले को और गंभीर बना दिया है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और आगे की कार्रवाई क्या होगी।
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दिल्ली में अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर छापेमारी: धमाके की जांच में तेजी

दिल्ली में धमाके की जांच का नया मोड़


नई दिल्ली: 10 नवंबर को दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए भयंकर धमाके की जांच में तेजी आई है। केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार सुबह अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कार्यालय पर छापेमारी की।


यह कार्रवाई उस समय की गई जब यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र डॉ. उमर उन नबी को इस धमाके का मुख्य आरोपी माना गया है। चांसलर के भाई की हैदराबाद में गिरफ्तारी के बाद यूनिवर्सिटी पर संदेह और बढ़ गया है, जिससे जांच में और गहराई आई है।


केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी

एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने सुबह 5 बजे से दिल्ली में 25 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी शुरू की। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अलावा कई अन्य जगहों पर भी कार्रवाई की गई। एजेंसी ने धमाके में प्रयुक्त वाहन और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह एक संगठित आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ा मामला है, जिसमें मेडिकल पेशेवर और यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं।


चांसलर और यूनिवर्सिटी की भूमिका

दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के चांसलर को दो बार समन भेजा है। अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के संचालन में विसंगतियों को स्पष्ट करने और कुछ व्यक्तियों की भूमिका को समझने के लिए पूछताछ की। चांसलर से कई प्रशासनिक निर्णय, वित्तीय लेन-देन और रिकॉर्ड पर जानकारी मांगी गई है।


मुख्य आरोपी की पहचान

मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी पूर्व छात्र हैं। उनके संबंधों और यूनिवर्सिटी के भीतर संभावित मददगार नेटवर्क की जांच की जा रही है। पुलिस और एजेंसी दोनों यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यूनिवर्सिटी के किसी अन्य सदस्य ने धमाके में सहायता की।


भाई की गिरफ्तारी और जांच का विस्तार

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर के भाई को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। उन पर 25 साल पुराने फ्रॉड मामले भी दर्ज हैं। उनकी गिरफ्तारी ने यूनिवर्सिटी और धमाके के आरोपी नेटवर्क के बीच संभावित कनेक्शन को और गंभीरता से देखने की आवश्यकता पैदा की है।


यूनिवर्सिटी का बयान

यूनिवर्सिटी ने धमाके की कड़ी निंदा की है। संस्थान ने कहा कि वह एक जिम्मेदार शैक्षणिक संस्था है और राष्ट्रीय हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। बयान में यह भी कहा गया कि यूनिवर्सिटी आतंकवाद में शामिल नहीं है, लेकिन पूर्व छात्र के जुड़ाव ने संस्थान की छवि पर सवाल खड़ा कर दिया है।


जांच की दिशा और भविष्य की योजनाएं

जांच अधिकारी यूनिवर्सिटी के वित्तीय और प्रशासनिक रिकॉर्ड, पूर्व छात्रों और कर्मचारियों के कनेक्शन की गहन समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियां इस पूरे मामले में यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि धमाके के सभी पहलुओं की पूरी तरह जांच हो और किसी भी संभावित सहयोगी को जिम्मेदार ठहराया जा सके।