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दिल्ली में जासूसी रैकेट का भंडाफोड़, एक व्यक्ति गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने एक बड़े जासूसी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए मोहम्मद आदिल हुसैनी को गिरफ्तार किया है। इस रैकेट में विदेशी संपर्कों, न्यूक्लियर वैज्ञानिकों और नकली पासपोर्ट का जिक्र है। हुसैनी ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें उसने रूस के वैज्ञानिकों से ब्लूप्रिंट बेचने की बात स्वीकार की है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
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दिल्ली में जासूसी रैकेट का भंडाफोड़, एक व्यक्ति गिरफ्तार

जासूसी और नकली पासपोर्ट रैकेट का खुलासा


दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो जासूसी और नकली पासपोर्ट रैकेट में शामिल था। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद आदिल हुसैनी है, जिसकी उम्र 59 वर्ष है। यह रैकेट विदेशी संपर्कों से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, जिनमें कुछ न्यूक्लियर वैज्ञानिक भी शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, हुसैनी विभिन्न नामों का उपयोग करता था, जैसे सैयद आदिल हुसैन और नसीमउद्दीन। वह कई देशों की यात्रा कर चुका है, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है।


सूत्रों के अनुसार, हुसैनी विदेश में न्यूक्लियर विशेषज्ञों के संपर्क में था, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि उसने उनके साथ संवेदनशील जानकारी साझा की होगी। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के दौरान एक असली और दो नकली भारतीय पासपोर्ट बरामद किए हैं। इसके अलावा, हुसैनी पर तीन नकली पहचान पत्र बनाने का भी आरोप है, जो कि झारखंड के जमशेदपुर में बनाए गए थे।


ब्लूप्रिंट बेचने का स्वीकार किया

हुसैनी ने कबूला ब्लूप्रिंट बेचने का सच:


रिपोर्टों के अनुसार, पूछताछ के दौरान हुसैनी ने स्वीकार किया कि उसने रूस के एक वैज्ञानिक से संबंधित ब्लूप्रिंट निकाले और उन्हें ईरान में रहने वाले एक अन्य वैज्ञानिक को बेचा। इस लेन-देन से उसे अच्छी खासी रकम मिली, जिसका कुछ हिस्सा उसने दुबई में संपत्ति खरीदने में खर्च किया, जबकि बाकी पैसे को उसने लग्जरी जीवनशैली पर खर्च किया।


अख्तर हुसैनी की गिरफ्तारी

अख्तर हुसैनी को मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार:


मुंबई पुलिस ने अख्तर हुसैनी को गिरफ्तार किया है, जो कई खाड़ी देशों की यात्रा कर चुका है। इस व्यक्ति ने नकली पहचान पत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हैं, जो अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।