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दिल्ली में दिवाली पर प्रदूषण का खतरनाक स्तर

दिवाली की रात दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से बढ़ गया। पटाखों की आतिशबाजी और ठंडी हवा के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई क्षेत्रों में 400 से ऊपर पहुंच गया। वजीरपुर और बवाना जैसे क्षेत्रों में AQI 423 और 427 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। जानें और किन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रहा और क्या हैं इसके कारण।
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दिल्ली में दिवाली पर प्रदूषण का खतरनाक स्तर

दिल्ली में दिवाली की रात प्रदूषण की स्थिति


दिल्ली में दिवाली पर प्रदूषण: दिवाली की रात, दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता फिर से गंभीर रूप से प्रभावित हुई। पटाखों की धूमधाम और ठंडी हवाओं के चलते प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, वजीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 423 और बवाना में 427 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। देशभर के 494 वायु गुणवत्ता स्टेशनों में बवाना की हवा सबसे खराब पाई गई।


20 अक्टूबर की रात 11 बजे वजीरपुर का AQI 423 था। वहीं, अशोक विहार में 411, द्वारका एनएसआईटी में 410, नेहरू नगर और जहांगीरपुरी में 394 और रोहिणी में 390 AQI दर्ज किया गया। दिल्ली के 37 में से 35 वायु मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI 300 से अधिक था, जो यह दर्शाता है कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब या गंभीर स्थिति में है।




प्रदूषण के उच्चतम स्तर वाले क्षेत्र

दिल्ली के जिन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक था, उनमें वजीरपुर, बवाना, जहांगीरपुरी, अशोक विहार, विवेक विहार, द्वारका, आनंद विहार और पटपड़गंज शामिल हैं। वहीं, श्री अरबिंदो मार्ग पर AQI 188 दर्ज किया गया, जो कि सबसे बेहतर स्थिति थी। दिल्ली के बाहर, नोएडा सेक्टर 116 में AQI 352, गाजियाबाद के लोनी में 306 और गुरुग्राम के सेक्टर 51 में 327 रहा।


हालात में कोई सुधार नहीं

21 अक्टूबर की सुबह 8 बजे भी प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। बवाना में AQI 427 दर्ज किया गया, जबकि वजीरपुर, जहांगीरपुरी और बुराड़ी में भी AQI 400 से ऊपर था। शादीपुर, एनएसआईटी द्वारका, विवेक विहार और रोहिणी में AQI 370 से 390 के बीच रहा। दिल्ली में केवल सिरीफोर्ट (266), डीटीयू (252) और श्री अरबिंदो मार्ग (227) ऐसे क्षेत्र थे, जहां AQI 300 से नीचे था।


एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति

एनसीआर के शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रहा। गुरुग्राम की ग्वाल पहाड़ी में AQI 359 और गाजियाबाद के वसुंधरा में 353 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों, वाहनों और ठंडी हवा के कारण प्रदूषक कणों का फैलाव रुक गया, जिससे हवा और भी जहरीली हो गई। चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की हवा बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। राजधानी में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है, और प्रदूषण स्तर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि दिवाली के बाद दिल्ली 'गैस चैंबर' में बदल जाती है।