दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन: AAP ने बीजेपी पर लगाया गंभीर आरोप

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन
दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर बैन: दिल्ली सरकार द्वारा पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के निर्णय पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। 'आप' के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ मिलीभगत कर 61 लाख लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने इसे 'तुगलकी फरमान' बताते हुए इसकी गहन जांच की मांग की है। भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी सरकार कोर्ट के आदेशों का बहाना बना रही है, जबकि यह निर्णय पहले से ही लिया जा चुका था। उनका दावा है कि बीजेपी ने दिल्ली में सत्ता में आते ही पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना ली थी, जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों को करोड़ों का लाभ मिल सके।
बीजेपी का झूठ बेनकाब
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी सरकार ने सत्ता में आते ही पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1 मार्च 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 31 मार्च से पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा, लेकिन यह प्रतिबंध 1 जुलाई से लागू किया गया। भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी जिस सीएक्यूएम (CAQM) के आदेश का हवाला दे रही है, वह 27 अप्रैल 2025 को आया था, यानी मंत्री के ऐलान के लगभग दो महीने बाद। उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट है कि बीजेपी ने पहले ही ऑटोमोबाइल कंपनियों से सांठगांठ कर ली थी।”
कोर्ट के आदेश का बहाना
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के कोर्ट के आदेशों के दावे को गलत ठहराते हुए कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 7 अप्रैल 2015 को और सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया था। उस समय दिल्ली में 'आप' की सरकार थी, लेकिन 'आप' ने कभी भी पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक नहीं लगाई। उन्होंने कहा, “2015 से 2025 तक 'आप' की सरकार थी, लेकिन हमने ऐसा कोई फरमान जारी नहीं किया।”
साजिश का खुलासा
सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि जब बीजेपी की योजना का पर्दाफाश हुआ, तब पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर कहा कि सरकार पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर प्रतिबंध नहीं लगा पाएगी। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल 2025 को सीएक्यूएम ने दिल्ली सरकार को पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था, लेकिन इससे एक महीना पहले ही 1 मार्च को सिरसा ने इसकी घोषणा कर दी थी। भारद्वाज ने कहा, “यह स्पष्ट है कि बीजेपी ने सरकार बनते ही 61 लाख पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने की योजना बनाई थी।”
थ्री-व्हीलर पर साजिश का राज
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने ऐसा फरमान जारी किया। सरकार बनते ही बीजेपी ने थ्री-व्हीलर वाहनों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि नए थ्री-व्हीलर केवल इलेक्ट्रिक होंगे। लेकिन ऑटो चालकों के विरोध के बाद सरकार को यह आदेश वापस लेना पड़ा। अब दिल्ली की जनता के विरोध के कारण बीजेपी ने पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने का आदेश भी वापस ले लिया है।
भ्रष्टाचार की जांच
सौरभ भारद्वाज ने 1 मार्च को मनजिंदर सिंह सिरसा के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने यह प्रतिबंध ऑटोमोबाइल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लगाया था। उन्होंने कहा, “मंत्री ने अपने बयान में कहीं नहीं कहा कि सुप्रीम कोर्ट या एनजीटी का आदेश है। बीजेपी एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेशों का हवाला दे रही है, लेकिन तब से कोई नया आदेश नहीं आया।”
दिल्ली की जनता की जीत
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता और 'आप' के लगातार विरोध के कारण बीजेपी सरकार को अपने तुगलकी फरमान वापस लेने पड़े। उन्होंने 3 जुलाई को मनजिंदर सिंह सिरसा के सीएक्यूएम को लिखे पत्र को 'लीपापोती' करार देते हुए कहा कि यह जनता की जीत है।