दिल्ली में प्रदूषण का संकट: AQI 370 तक पहुंचा
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, और AQI 370 तक पहुंच गया। यह लगातार नौवां दिन है जब दिल्ली का औसत AQI 300 से ऊपर बना हुआ है। जहरीली धुंध, गिरते तापमान और कम हवा की गति ने मिलकर राजधानी को गैस चैंबर जैसा बना दिया है।
CPCB के आंकड़े और स्वास्थ्य पर प्रभाव
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 38 निगरानी स्टेशनों में से 11 ने शनिवार को AQI 'गंभीर' श्रेणी यानी 400 से अधिक दर्ज किया। इसका मतलब है कि वहां की हवा सांस लेने के लिए भी सुरक्षित नहीं है। डीटीयू, बवाना, आनंद विहार, मुंडका, नरेला, रोहिणी और विवेक विहार जैसे क्षेत्रों में AQI 400 के पार पहुंच गया है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा बढ़ गया है।
दिल्लीवालों की सांसें घुटने लगीं
दिल्ली की हवा पिछले एक हफ्ते से बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है। CPCB के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में AQI के स्तर इस प्रकार रहे हैं:
- सोमवार को AQI-351
- मंगलवार को AQI-374
- बुधवार को AQI-392
- बृहस्पतिवार को AQI-391
- शुक्रवार को AQI-374
- शनिवार को AQI-370
- रविवार को AQI-370
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि दिल्ली की हवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है, बल्कि कई क्षेत्रों में स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है।
AQI का स्तर और स्वास्थ्य पर प्रभाव
CPCB के मानकों के अनुसार, AQI के स्तर इस प्रकार हैं:
- AQI 0 से 50 - अच्छा
- AQI 51 से 100 - संतोषजनक
- AQI 101 से 200 - मध्यम
- AQI 201 से 300 - खराब
- AQI 301 से 400 - बेहद खराब
- AQI 401 से 500 - गंभीर
दिल्ली के कई क्षेत्रों में AQI 400 के पार पहुंचने का मतलब है कि वहां के निवासियों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जहरीली हवा से सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, सीने में भारीपन, अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली में जहरीली धुंध के कारण
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- पराली जलाना
- वाहनों से निकलने वाला धुआं
- औद्योगिक प्रदूषण
- निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल
- ठंडी हवा का नीचे रुक जाना
- कम हवा की गति
