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दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में इंदरजीत सिंह यादव और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस छापेमारी में 5.12 करोड़ रुपये नकद, 8.80 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण, और 35 करोड़ रुपये की संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इंदरजीत सिंह यादव की भूमिका के बारे में।
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दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की बड़ी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी


नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले में बड़ी मात्रा में नकद, सोना, हीरे और संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया है। यह कार्रवाई वांछित अपराधी इंदरजीत सिंह यादव और उसके सहयोगियों के खिलाफ की गई है। जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला अवैध वसूली, जबरन कर्ज निपटान और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है।


छापेमारी का विवरण

30 दिसंबर को, ED ने दिल्ली के सर्वप्रिय विहार क्षेत्र में एक ठिकाने पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत की गई। तलाशी के दौरान एजेंसी को भारी मात्रा में नकद, कीमती आभूषण और महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई एक लंबी जांच का हिस्सा थी।


नकद और आभूषण की जब्ती

छापेमारी के दौरान, ED ने 5.12 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इसके अलावा, एक सूटकेस में रखे सोने और हीरे के आभूषण भी जब्त किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत 8.80 करोड़ रुपये है। नकदी की गिनती के लिए बैंक अधिकारियों और कैश काउंटिंग मशीनों का सहारा लिया गया। यह जब्ती जांच को और गंभीर बनाती है।


संपत्तियों के दस्तावेजों की बरामदगी

ED अधिकारियों को एक बैग में कई चेकबुक और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित संपत्तियों की अनुमानित कीमत लगभग 35 करोड़ रुपये है। एजेंसी अब इन संपत्तियों के स्रोत और लेनदेन की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये अवैध कमाई से संबंधित हैं।


जांच का आधार

जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 15 से अधिक FIR और चार्जशीट के आधार पर शुरू किया गया। ये मामले आर्म्स एक्ट 1959, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय दंड संहिता 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं। आरोप है कि इंदरजीत सिंह यादव और उसके सहयोगी लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहे हैं।


इंदरजीत सिंह यादव का परिचय

जानकारी के अनुसार, इंदरजीत सिंह यादव एक वांछित अपराधी है, जो ऑनलाइन खुद को राव इंदरजीत सिंह के नाम से प्रस्तुत करता है। वह जेम ट्यून्स नामक कंपनी का प्रबंध निदेशक बताया जाता है। एजेंसी का आरोप है कि वह अवैध वसूली, निजी फाइनेंसरों पर दबाव डालकर कर्ज निपटान और हथियारों के माध्यम से धमकी देने जैसे कार्यों में शामिल रहा है।