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दिल्ली में लाल किले के पास कार में धमाका, 10 की मौत

दिल्ली में शुक्रवार शाम को लाल किले के पास एक कार में हुए धमाके ने 10 लोगों की जान ले ली और 24 से अधिक लोग घायल हुए। यह घटना पिछले दो दशकों में हुए कई बड़े धमाकों की याद दिलाती है। दिल्ली का यह क्षेत्र हमेशा से संवेदनशील रहा है, जहां पहले भी कई आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इस लेख में हम पिछले वर्षों में दिल्ली में हुए प्रमुख धमाकों पर भी नजर डालेंगे।
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दिल्ली में लाल किले के पास कार में धमाका, 10 की मौत

दिल्ली में बड़ा धमाका


नई दिल्ली: शुक्रवार की शाम को दिल्ली में एक गंभीर घटना घटी जब लाल किले के निकट एक कार में जोरदार विस्फोट हुआ। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई और 24 से अधिक लोग घायल हुए हैं।


धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके आसपास खड़ी लगभग 20 गाड़ियां आग की लपटों में आ गईं। दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। इस घटना ने पिछले दो दशकों में दिल्ली में हुए कई बड़े धमाकों की भयावह यादों को ताजा कर दिया है।


दिल्ली हमेशा से एक व्यस्त और संवेदनशील क्षेत्र रहा है। यहां पहले भी कई आतंकवादी हमले और बम विस्फोट हो चुके हैं, जिन्होंने शहर को हिलाकर रख दिया था। आइए, पिछले वर्षों में दिल्ली में हुए कुछ प्रमुख धमाकों पर एक नजर डालते हैं:



  • 9 जनवरी 1997: आईटीओ के पास दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर बम विस्फोट में 50 लोग घायल हुए।

  • 1 अक्टूबर 1997: सदर बाजार में एक जुलूस के पास दो धमाके हुए, जिनमें 30 लोग घायल हुए।

  • 10 अक्टूबर 1997: शांतिवन, कौड़िया पुल और किंग्सवे कैंप में तीन धमाकों में 1 व्यक्ति की मौत और 16 घायल हुए।

  • 18 अक्टूबर 1997: रानी बाग बाजार में दोहरे विस्फोट में 1 की मौत और 23 घायल हुए।

  • 26 अक्टूबर 1997: करोल बाग बाजार में धमाकों में 1 की मौत और 34 घायल हुए।

  • 30 नवंबर 1997: लाल किले के पास हुए धमाकों में 3 लोग मारे गए और 70 घायल हुए।

  • 30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग में बस में बम विस्फोट से 4 यात्रियों की मौत और 30 घायल हुए।

  • 26 जुलाई 1998: कश्मीरी गेट ISBT पर बस में विस्फोट, 2 मौतें और 3 घायल हुए।

  • 18 जून 2000: लाल किला क्षेत्र में दो धमाके, जिनमें एक बच्ची समेत दो लोगों की मौत और कई घायल हुए।

  • 22 मई 2005: दिल्ली के सिनेमाघरों में धमाके, 1 मौत और 60 घायल हुए।

  • 29 अक्टूबर 2005: सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में सिलसिलेवार धमाके, 59 मौतें और 100 से ज्यादा घायल हुए।

  • 14 अप्रैल 2006: जामा मस्जिद परिसर में हुए दो विस्फोटों में 14 घायल हुए।

  • 13 सितंबर 2008: कनॉट प्लेस, करोल बाग और ग्रेटर कैलाश में 45 मिनट के भीतर 5 धमाके, 25 लोगों की मौत और 100 घायल हुए।

  • 27 सितंबर 2008: महरौली फूल बाजार में धमाका, 3 मौतें और 21 घायल हुए।

  • 25 मई 2011: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर छोटा धमाका, कोई हताहत नहीं।