दिल्ली में वायु गुणवत्ता संकट: सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट
नई दिल्ली: दिल्ली की वायु फिर से अत्यधिक प्रदूषित हो गई है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार तीसरे दिन 'सीवियर' श्रेणी में बना हुआ है। इस गंभीर स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की और सीनियर वकीलों को बताया कि केवल मास्क पहनना पर्याप्त नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, तो वकील कोर्ट में क्यों उपस्थित हो रहे हैं। पंजाब और हरियाणा से फसल अवशेष जलाने के संबंध में डेटा मांगा गया है और कार्रवाई के साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को 'बहुत गंभीर' बताते हुए कहा कि मास्क भी इस प्रदूषण से सुरक्षा नहीं दे सकते। न्यायमूर्ति पीएस नरसिंहा ने सख्त लहजे में कहा कि वरिष्ठ वकील वीडियो सुनवाई का लाभ उठाएं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि लगातार उच्च प्रदूषण स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव डाल सकता है। चीफ जस्टिस बीआर गवाई ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में इसे विस्तृत रूप से उठाने का आश्वासन दिया।
दिल्ली में AQI के आंकड़े
गुरुवार सुबह दिल्ली में धुंध और स्मॉग के कारण दृश्यता कम हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बवाना में AQI 460 तक पहुंच गया, जबकि NSIT द्वारका में यह 216 रहा। अन्य क्षेत्रों जैसे आनंद विहार (431), चांदनी चौक (455), अशोक विहार (348), उत्तर कैंपस DU (414), ITO (438), मुंडका (438), नरेला (432) और रोहिणी (447) में भी गंभीर प्रदूषण का स्तर देखा गया।
फसल अवशेष जलाने पर कड़ी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वे फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। कोर्ट ने कहा कि राज्य प्रशासन को वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में ठोस प्रमाण और नीति कार्रवाई दिखाना अनिवार्य है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
सीवियर AQI का स्तर सामान्य लोगों के लिए, विशेषकर हृदय और श्वसन संबंधी रोगों से ग्रसित व्यक्तियों के लिए खतरनाक है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहना स्थायी स्वास्थ्य नुकसान का कारण बन सकता है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे बाहर निकलते समय मास्क पहनें और बच्चों तथा बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
अगली सुनवाई की तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 17 नवंबर निर्धारित की है। दिल्ली और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को सतर्क रहने और प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए विशेष कदम उठाने की संभावना है।
