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दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति: अध्ययन से खुलासा

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है, जहां हालिया अध्ययन ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर को उजागर किया है। जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं, जबकि द्वारका और लोधी रोड में स्थिति बेहतर है। विशेषज्ञों का मानना है कि वाहनों और निर्माण कार्यों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है, और सख्त नीतियों की आवश्यकता है। जानें और क्या कहता है यह अध्ययन।
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दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति: अध्ययन से खुलासा

दिल्ली में वायु गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति


नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। जहरीले कणों की बढ़ती संख्या के कारण नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञ इस प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा मानते हैं। हालिया अध्ययन ने यह स्पष्ट किया है कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रभाव केवल केंद्रीय क्षेत्रों तक सीमित नहीं है।


यह अब औद्योगिक और व्यस्त यातायात वाले क्षेत्रों में और भी अधिक खतरनाक हो गया है। उत्तरी दिल्ली के क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं।


जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा में उच्चतम प्रदूषण

‘रेस्पिरर लिविंग साइंसेज’ द्वारा किए गए अध्ययन में दिल्ली के तीन क्षेत्रों-जहांगीरपुरी, रोहिणी और शाहदरा-को सबसे अधिक प्रदूषित पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यहां पीएम2.5 का स्तर 140 से 146 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच मापा गया, जो सुरक्षित सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से दो गुना अधिक है।


आनंद विहार, विवेक विहार और मंगोलपुरी में प्रदूषण

अध्ययन के अनुसार, आनंद विहार और विवेक विहार में पीएम2.5 का स्तर 133-135 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। रोहिणी में यह 142, शाहदरा में 134.8, मंगोलपुरी औद्योगिक क्षेत्र में 123.8 और मदनपुर खादर में 120.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यातायात और छोटे उद्योगों के कारण प्रदूषण फैलता है।


द्वारका, लोधी रोड और श्री अरबिंदो मार्ग में स्थिति बेहतर

अध्ययन में यह भी पाया गया कि द्वारका, लोधी रोड और श्री अरबिंदो मार्ग जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्तर के करीब रही। हालांकि, 20 और 21 अक्टूबर के दौरान दीपावली के आसपास प्रदूषण चरम पर पहुंच गया, जब पीएम2.5 का स्तर 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के पार चला गया।


दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता बेहद खराब

दिल्ली में हवा की दिशा में बदलाव से थोड़ी सुधार देखने को मिली, लेकिन प्रदूषण में कमी नहीं आई। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 382 दर्ज किया गया, जबकि नोएडा 397 एक्यूआई के साथ सबसे प्रदूषित रहा। गाजियाबाद 396, ग्रेटर नोएडा 382 और गुरुग्राम 286 एक्यूआई के साथ बेहद खराब श्रेणी में रहे। फरीदाबाद में 232 एक्यूआई दर्ज किया गया, जहां हवा अपेक्षाकृत बेहतर रही।


वाहनों और निर्माण कार्य से बढ़ता प्रदूषण

दिल्ली के वायु गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के अनुसार, वाहनों से होने वाला प्रदूषण 20.45 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके अलावा, पराली जलाने से 1.97 फीसदी, निर्माण कार्य से 3.10 फीसदी और आवासीय क्षेत्रों से 5.30 फीसदी प्रदूषण का योगदान सामने आया है। विशेषज्ञ जागरूकता और सख्त नीतियों की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।