दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नए कार्यालय समय की घोषणा
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार और नगर निगम (MCD) ने सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है। यह कदम मुख्य रूप से ट्रैफिक की भीड़ को कम करने और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। सुबह और शाम के समय, जब सरकारी और निगम के कर्मचारी यात्रा करते हैं, तब शहर की सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिलता है।
सरकार का कहना है कि वर्तमान में दोनों विभागों के कार्यालयों के खुलने और बंद होने में केवल 30 मिनट का अंतर है, जिससे पीक आवर्स में ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। इसी कारण, सर्दियों के मौसम के लिए दोनों के कार्य समय को अलग-अलग निर्धारित किया गया है।
15 नवंबर से लागू होंगे नए समय
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को नए कार्यालय समय की घोषणा की। सरकार ने बताया कि यह व्यवस्था सर्दियों के मौसम में प्रयोग के लिए लागू की जाएगी। नए समय 15 नवंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक प्रभावी रहेंगे।
- दिल्ली सरकार के कार्यालय: सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक
- दिल्ली नगर निगम (MCD) के कार्यालय: सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक
ट्रैफिक और प्रदूषण पर प्रभाव
दिल्ली सरकार के अनुसार, 'दिल्ली सरकार और MCD कर्मचारियों के बीच केवल 30 मिनट के अंतराल के कारण व्यस्त समय में भारी जाम लगता है। इससे न केवल ट्रैफिक की समस्या बढ़ती है बल्कि वाहनों के धुएं से वायु गुणवत्ता और भी बिगड़ जाती है।' नई व्यवस्था से सुबह और शाम के समय ट्रैफिक लोड को अलग-अलग समय पर बांटा जाएगा, जिससे PM2.5 के स्तर में कुछ कमी आने की उम्मीद है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समीर ऐप के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 29 ने हवा को 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया। राजधानी में शुक्रवार शाम 4 बजे तक औसत AQI 322 दर्ज किया गया, जो 'रेड जोन' में आता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
एनसीआर में भी स्थिति गंभीर
दिल्ली के अलावा, आसपास के एनसीआर शहरों की स्थिति भी चिंताजनक है। गाजियाबाद में AQI 314 और नोएडा में AQI 306 दर्ज किया गया, जो दोनों ही 'बेहद खराब' श्रेणी में आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना नहीं है।
प्रदूषण विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली की हवा में सबसे खतरनाक तत्व PM2.5 है। शुक्रवार को इसके स्तर में परिवहन क्षेत्र का योगदान लगभग 15%, जबकि शनिवार को इसके 14% रहने का अनुमान है। इसका मतलब है कि ट्रैफिक से निकलने वाला धुआं दिल्ली के कुल प्रदूषण का एक बड़ा कारण बना हुआ है।
