दिल्ली में सर्किल रेट में बदलाव: रियल एस्टेट पर पड़ेगा बड़ा असर
दिल्ली में सर्किल रेट में बदलाव
नई दिल्ली: दिल्ली में लगभग दस वर्षों के बाद सर्किल रेट में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है, जिसका प्रभाव राजधानी के रियल एस्टेट क्षेत्र पर पड़ेगा। आखिरी बार सर्किल रेट में बदलाव 2014 में हुआ था, लेकिन तब से अब तक दिल्ली में संपत्ति की कीमतों में कई गुना वृद्धि हो चुकी है, विशेषकर लुटियंस दिल्ली, दक्षिण दिल्ली के प्लॉटेड क्षेत्रों और शहरीकरण वाले इलाकों में।
हालांकि, सरकारी दस्तावेजों में संपत्ति का आधिकारिक मूल्य, यानी सर्किल रेट, अभी भी पुराने स्तर पर बना हुआ है, जो बाजार दरों से मेल नहीं खाता। सरकार अब इस अंतर को समाप्त करने और सर्किल रेट को वास्तविक बाजार कीमतों के करीब लाने की योजना बना रही है। लंबे समय से संशोधन न होने के कारण बाजार मूल्य और नोटिफाइड दरों के बीच बड़ा अंतर उत्पन्न हो गया है, जिससे पारदर्शिता पर असर पड़ता है और सरकारी राजस्व को भी नुकसान होता है।
सर्किल रेट की श्रेणियाँ
विशेषज्ञों का कहना है कि जहां संपत्ति की वास्तविक कीमतें कई गुना अधिक होती हैं, वहीं रजिस्ट्री में उन्हें कम दिखाया जाता है, जिससे स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की आय में कमी आती है और लेन-देन में नकद भुगतान का चलन बढ़ता है। वर्तमान में, दिल्ली में सर्किल रेट को आठ श्रेणियों (A से H) में विभाजित किया गया है।
कैटेगरी का विभाजन
कैटेगरी A में सर्किल रेट 7.74 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर तक है, जबकि कैटेगरी H में यह 23,280 रुपये प्रति वर्गमीटर है। हालांकि, इन श्रेणियों में भी कई विसंगतियाँ हैं। उदाहरण के लिए, गोल्फ लिंक और कालिंदी कॉलोनी दोनों कैटेगरी A में हैं, जबकि उनके बाजार मूल्य और सुविधाओं में बड़ा अंतर है। इसी कारण सरकार अब इस श्रेणी प्रणाली को अधिक वैज्ञानिक और वास्तविक बनाने पर काम कर रही है।
नई 'A+' कैटेगरी का प्रस्ताव
सूत्रों के अनुसार, सरकार लुटियंस दिल्ली जैसे अल्ट्रा-प्रिमियम क्षेत्रों के लिए नई 'A+' कैटेगरी बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि यहां की संपत्ति की कीमतें दिल्ली के अन्य क्षेत्रों की तुलना में कई गुना अधिक हैं और मौजूदा कैटेगरी A इनकी असली वैल्यू को नहीं दर्शाती। इसके अलावा, दक्षिण दिल्ली के फार्महाउस भी इस बदलाव का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे।
फार्महाउस की कीमतों का मूल्यांकन
कई बार सैकड़ों करोड़ रुपये की कीमत वाले ये फार्महाउस शादी, पार्टियों और अन्य आयोजनों के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनका सर्किल रेट आज भी कृषि भूमि के आधार पर निर्धारित है, जो जमीन के असली बाजार मूल्य से बिल्कुल भिन्न है। नए प्रस्तावों में सुझाव दिया गया है कि फार्महाउस का मूल्यांकन स्थान और वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार किया जाए ताकि प्रणाली अधिक पारदर्शी और तार्किक बन सके।
