दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पास दरगाह की दीवार गिरने से पांच की मौत

दिल्ली में दर्दनाक हादसा
दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र में शुक्रवार शाम को एक गंभीर घटना घटी, जब हुमायूं के मकबरे के निकट स्थित एक दरगाह की दीवार गिर गई। इस हादसे में कम से कम पांच लोगों की जान चली गई और 10 से 12 अन्य लोग मलबे में फंस गए। यह घटना तब हुई जब लोग शुक्रवार की नमाज़ के बाद बारिश से बचने के लिए दरगाह के एक कमरे में शरण लिए हुए थे।पुलिस के अनुसार, यह घटना लगभग 3:55 बजे हुई। दीवार गिरने के तुरंत बाद, बचाव कार्य शुरू किया गया। दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा, NDRF और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमों को मौके पर भेजा गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मलबे से 10 से 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और उन्हें AIIMS ट्रॉमा सेंटर और LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हालांकि, दुख की बात है कि AIIMS ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान पांच घायलों की मृत्यु हो गई। जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस संजय कुमार जैन ने बताया कि अब तक हमें पता चला है कि AIIMS ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहे पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि अन्य का इलाज जारी है।
पुलिस का मानना है कि बारिश के कारण लोग दरगाह परिसर में इकट्ठा हो गए थे, और इसी दौरान दीवार ढह गई। यह स्पष्ट किया गया है कि यह हादसा 16वीं शताब्दी के मुख्य मकबरे का हिस्सा नहीं था, बल्कि दरगाह परिसर के भीतर एक छोटे से कमरे की दीवार गिरने से हुआ।
स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया। अग्निशमन कर्मियों, CATS एम्बुलेंस और NDRF की टीमों ने भी राहत कार्यों में मदद की। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली अग्निशमन सेवाओं को पहले मकबरे के गुंबद का हिस्सा गिरने की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह दरगाह के पास का एक कमरा था।
सभी बचाव एजेंसियों ने मिलकर मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए तेजी से काम किया। एक वरिष्ठ DFS अधिकारी ने पुष्टि की कि सभी बचाव कार्य सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं।
यह घटना दिल्ली में पुराने ढांचों के रखरखाव और सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर करती है, विशेषकर ऐतिहासिक स्थलों के आसपास। प्रशासन ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और घायलों के सर्वोत्तम उपचार का आश्वासन दिया है।