दिल्ली मेट्रो के नए विस्तार से प्रदूषण में कमी की उम्मीद
दिल्ली में मेट्रो के नए लक्ष्यों की मंजूरी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो के तीन नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय राजधानी में सीमेंट और प्लास्टर से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मेट्रो चरण-5 (ए) के तहत 12,014.91 करोड़ रुपये की योजना को हरी झंडी मिली है।
इस योजना के तहत दिल्ली मेट्रो नेटवर्क में लगभग 16 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा। मौजूदा मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 395 किमी है, जो अब 400 किमी से अधिक हो जाएगी। इस विस्तार में कुल 13 नए स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 3 स्टेशन ऊंचे होंगे। सरकार का कहना है कि इन सभी निर्माण कार्यों को लगभग तीन वर्षों में पूरा किया जाएगा।
तीन नए कॉरिडोर की मंजूरी
तीन नए कॉरिडोर को मिली मंजूरी
इस चरण में जिन तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है, उनमें पहला रामकृष्ण आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ तक का मार्ग है, जिसकी लंबाई लगभग 9.9 किमी होगी। यह रूट पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली को मध्य दिल्ली से जोड़ता है, जिससे यात्रा में सुधार होगा। यह गैलरी सेंट्रल विस्टा क्षेत्र, इंडिया गेट, भारत पैवेलियन और सेंट्रल सचिवालय जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ती है। इस रूट से रोजाना लगभग 60 हजार कर्मचारी और 2 लाख लोग मेट्रो से यात्रा कर सकेंगे।
दूसरा कॉरिडोर एरोसिटी से आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल-1 तक होगा, जिसकी लंबाई 2.26 किमी होगी। इस रूट से एयरपोर्ट के टर्मिनल में मेट्रो का सीधा कनेक्शन होगा, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी और समय की बचत होगी। तीसरा कॉरिडोर तुगलकाबाद से कालिंदी कुज तक होगा, जिसकी लंबाई 3.9 किमी होगी। इस रूट से यात्रा का समय कम होगा और यात्रियों को बेहतर कनेक्शन मिलेगा।
नए मेट्रो स्टेशन बनाने का उद्देश्य
नए मेट्रो स्टेशन बनाने का उद्देश्य?
लागत के संदर्भ में, रामकृष्ण आश्रम-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर पर 9,570.4 करोड़ रुपये, एरोसिटी-एयरपोर्ट टर्मिनल-1 पर 1,419.6 करोड़ रुपये और तुगलकाबाद-कालिंदी कुज पर 1,024.8 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सरकार का मानना है कि इन नए मेट्रो रूट्स से सड़कों पर यातायात की भीड़ कम होगी, ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी।
