दिल्ली विस्फोट मामले में अल फलाह विश्वविद्यालय का कनेक्शन
दिल्ली विस्फोट की जांच में नए खुलासे
दिल्ली में हुए विस्फोट की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ रहे हैं। इस घटना का संबंध फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ा हुआ है। इस विश्वविद्यालय में कार्यरत चार चिकित्सकों को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। इसके अलावा, इस विश्वविद्यालय को विस्फोट की योजना का केंद्र भी बताया जा रहा है।
लाल किले के पास हुए विस्फोट का विवरण
लाल किले के निकट हुए विस्फोट में 12 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। जांच में अल फलाह विश्वविद्यालय के डॉ. उमर सहित चार व्यक्तियों का नाम सामने आया है। डीएनए परीक्षण के बाद डॉ. उमर की पहचान की गई है, लेकिन विश्वविद्यालय ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में बम विस्फोट की योजना
पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विश्वविद्यालय परिसर में विस्फोट की योजना बनाई गई थी। जानकारी के अनुसार, 6 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सिलसिलेवार बम विस्फोटों की योजना थी, जो 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ध्वंस के दिन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी।
धमाके के लिए फंडिंग और सामग्री की खरीद
इस योजना के लिए दिल्ली से लगभग 30 लाख रुपये इकट्ठा किए गए थे, जिसे डॉ. उमर ने प्रबंधित किया। उन्होंने गुरुग्राम, नूंह और फरीदाबाद के आसपास के क्षेत्रों से लगभग 26 क्विंटल एनपीके खाद खरीदी, जिसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये थी। इस खाद का उपयोग इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने के लिए किया जाना था। हालांकि, फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद ये लोग डर गए।
विश्वविद्यालय के कमरों में योजना बनती थी
अल फलाह विश्वविद्यालय को इस योजना का मुख्य आधार माना जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, विश्वविद्यालय के कमरा नंबर 17 में सभी लोग गुप्त रूप से मिलते थे और योजना बनाते थे। इसके अलावा, कमरा नंबर 13 में भी बैठकों का आयोजन किया जाता था, जहां बम बनाने के लिए रसायनों की तस्करी का भी प्लान बनाया जाता था।
पुलिस की कार्रवाई और विश्वविद्यालय का बचाव
पुलिस को संदेह है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में धमाकों की तैयारी की जा रही थी। डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. उमर अपने कमरों में बैठकर भी योजना बना रहे थे। पुलिस ने उनके कमरे को सील कर दिया है, जहां से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जो और भी कई राज खोल सकते हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इन आरोपों से खुद को अलग करते हुए कहा है कि इन व्यक्तियों का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं है।
