दिल्ली सरकार की नई पहल: नाइट गार्ड्स को हीटर वितरण से सर्दी और प्रदूषण में कमी
दिल्ली में हीटर वितरण का कार्यक्रम
-आरडब्ल्यूए को 10,000 हीटर मिलेंगे, कॉलोनियों में लकड़ी और कोयला जलाने पर लगेगी रोक
-मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे जन-सहभागिता का नया मॉडल बताया
-पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इसे बायोमास बर्निंग रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा
नई दिल्ली: दिल्ली की रेखा सरकार ने एक नई और संवेदनशील पहल की शुरुआत की है। सरकार ने सुरक्षा गार्ड्स को हीटर प्रदान करना शुरू किया है ताकि सर्दियों में कॉलोनियों में पहरा देने वाले गार्ड्स को ठंड से राहत मिल सके। मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली हाट, पीतमपुरा में आरडब्ल्यूए को इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल नाइट गार्ड्स को ठंड से बचाएगा, बल्कि लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों के उपयोग को कम करके वायु प्रदूषण को भी घटाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है।
इस कार्यक्रम में सांसद प्रवीण खंडेलवाल, कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक तिलक राम गुप्ता, राजकुमार भाटिया और विभिन्न आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण का एक बड़ा कारण खुले में लकड़ी, कूड़ा और कोयला जलाना है। इस समस्या को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने आज से यह योजना शुरू की है, जिसके तहत 10,000 से अधिक इलेक्ट्रिक हीटर सीएसआर फंडिंग के माध्यम से विभिन्न आरडब्ल्यूए को उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने इसे जन-सहभागिता का नया मॉडल बताया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कोयला आधारित प्रेस की बजाय गैस या इलेक्ट्रिक प्रेस अपनाने के लिए श्रमिकों को प्रोत्साहित करेगी, और झुग्गी बस्तियों के परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने जोर दिया कि प्रदूषण के खिलाफ यह लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब नागरिक, संस्थान और आरडब्ल्यूए मिलकर योगदान दें। यह कदम दिल्ली को अधिक स्वच्छ और स्वास्थ्यकर बनाने की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। सभी मंत्री, जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी सफाई और स्वच्छता अभियान की निगरानी कर रहे हैं। दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को इलेक्ट्रिक बनाने की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है, और 2026 के अंत तक सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रदूषण नियंत्रण, यमुना की सफाई और अन्य बुनियादी मुद्दों पर ठोस काम नहीं हुआ।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने पिछले आठ-नौ महीनों में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में नई पहल की है। बायोमास बर्निंग रोकने के लिए हीटर वितरण इसी सोच का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली की परिस्थितियाँ देश के अन्य हिस्सों से भिन्न हैं, और कई बार प्रदूषण पड़ोसी राज्यों से भी प्रभावित होता है। इसके बावजूद, सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
