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दिल्ली सरकार ने कांवड़ शिविरों का आयोजन नहीं करने का लिया निर्णय

दिल्ली सरकार ने इस वर्ष कांवड़ शिविरों का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है। सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि कांवड़ समितियों को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, और सरकार उन्हें सीधे फंड ट्रांसफर करेगी। नई नीति के तहत, समितियों को कई सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, जिससे भक्तों को बेहतर अनुभव मिल सके। जानें इस नई पहल के बारे में और क्या हैं इसके लाभ।
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दिल्ली सरकार ने कांवड़ शिविरों का आयोजन नहीं करने का लिया निर्णय

सीएम ने कांवड़ समितियों को दी जिम्मेदारी

सीएम रेखा गुप्ता ने हाल ही में कांवड़ यात्रा के संबंध में एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दिल्ली सरकार कांवड़ शिविरों का आयोजन नहीं करेगी। इसके बजाय, कांवड़ समितियों को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह निर्णय दिल्ली कैबिनेट की बैठक में लिया गया। सरकार कांवड़ समितियों को सीधे उनके खातों में 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का फंड ट्रांसफर करेगी।


कांवड़ यात्रा में शामिल भक्तों की संख्या

सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांवड़ यात्रा में हर साल हजारों शिवभक्त शामिल होते हैं। पहले सरकार टेंट और सेवाओं पर करोड़ों रुपये खर्च करती थी, लेकिन भक्तों को सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं। कांवड़ समितियों ने बताया कि अंतिम समय तक टेंट नहीं लगाए जाते थे, जिससे उन्हें परेशानी होती थी। अब सरकार कांवड़ समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सहायता प्रदान करेगी। रजिस्टर की गई संस्थाएं डीएम कार्यालय में आवेदन कर सकती हैं।


फंड आवंटन की नई प्रक्रिया

दिल्ली सीएम ने कहा कि पहले बिलिंग पेंडिंग रहती थी, लेकिन अब फंड चार श्रेणियों में आवंटित किया जाएगा। सरकार 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का फंड प्रदान करेगी। 50 प्रतिशत राशि पहले और 50 प्रतिशत बाद में दी जाएगी। तीन महीने के भीतर सभी खातों को बंद कर दिया जाएगा। जो समितियां रजिस्टर नहीं हैं, उन्हें 30 जुलाई तक सभी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा।


कांवड़ समितियों को मिलने वाली सुविधाएं

इस पहल का नाम मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव योजना रखा गया है। इसमें चिकित्सा, सफाई, टेंट लगाने और लाइट की सुविधाएं शामिल हैं। सभी कांवड़ समितियों को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी। ट्रैफिक और पुलिस प्रशासन के साथ बैठकें की गई हैं, और सिविल डिफेंस तथा होम गार्ड कांवड़ शिविरों में सेवाएं प्रदान करेंगे। कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक उत्सव भी है।