दिल्ली सरकार शिक्षा में संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

मुख्यमंत्री का शिक्षा के प्रति समर्पण
नई दिल्ली - दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें पाठ्यक्रम का विस्तार, सीटों की संख्या में वृद्धि, फैकल्टी की संख्या बढ़ाना और आधुनिक सुविधाओं का विकास शामिल है। यह बयान उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती और द्वारका स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के स्थापना दिवस पर दिया। इस अवसर पर उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और उनके आदर्शों को याद करते हुए कहा कि उनका सिद्धांत ‘अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाना’ आज भी अत्यंत प्रासंगिक है।
शिक्षा में तकनीक और कौशल विकास का महत्व
मुख्यमंत्री ने कॉलेज में 220 डेस्कटॉप्स, 17 स्मार्ट बोर्ड्स, एक्वाकल्चर स्किल डेवलपमेंट सेंटर और मशरूम कल्टीवेशन फैसिलिटी जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है और आधुनिक तकनीक के माध्यम से छात्रों को विश्वस्तरीय अवसर प्रदान करने के लिए संकल्पित है। स्मार्ट बोर्ड्स, कंप्यूटर लैब्स और रिसर्च सुविधाएं छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ शोध एवं नवाचार के लिए प्रेरित करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार दिल्ली को शिक्षा का हब बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
कॉलेजों की समस्याओं का समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उसी दृष्टि के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में देशभक्ति, संस्कार और सेवा भाव को अपनाएं। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि किसी राज्य को सही दिशा तभी मिल सकती है जब समाज के सभी वर्गों के हितों का समान रूप से ध्यान रखा जाए। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में पूर्व सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कई कॉलेजों में खाली सीटों और शिक्षकों के वेतन की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वित्तीय अड़चन के कारण किसी भी कॉलेज की प्रगति में रुकावट न आए।
मुख्यमंत्री ने कॉलेज प्रशासन से अपेक्षा जताई कि वे ऐसे युवाओं का निर्माण करें जो ज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट हों और भारत की गरिमा को ऊंचाई पर ले जाएं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि अपने ज्ञान और कर्तव्य के माध्यम से वे न केवल अपना भविष्य संवारेंगे, बल्कि देश को भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।