देवउठनी एकादशी पूजा सामग्री और विधि
 
                           
                        देवउठनी एकादशी पूजा सामग्री
Devuthani Ekadashi Puja Samagri : देवउठनी एकादशी को साल की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है। यह विशेष दिन हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे देवुत्थान एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और सभी शुभ कार्य इसी दिन से आरंभ होते हैं। यहां देवउठनी एकादशी की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची दी गई है।
देवउठनी एकादशी पूजा सामग्री की सूची
- भगवान विष्णु की मूर्ति
- तुलसी का पौधा
- गन्ना
- बेर
- सीताफल
- अमरूद
- मौसमी फल
- दो चौकी
- मूली
- बेर
- शकरकंद
- पान-सुपारी
- चंदन
- पीले फूल, मिठाई और केला
- बिल्व पत्र
- सिंघाड़ा
- लाल चुनरी
- तुलसी माता के लिए साड़ी या लाल लहंगा
- भगवान के वस्त्र
- सुहाग का सामान
- हल्दी
- धूप
- दीप
देवउठनी एकादशी पूजा विधि
देवउठनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल पर जाकर व्रत का संकल्प लें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें। शाम को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। इस दिन भगवान को पीले फल, बेसन के लड्डू और केसर वाली खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
पूजा में विष्णु चालीसा का पाठ करें। सूर्यास्त के बाद शंख, घंटा-घड़ियाल बजाकर भगवान को जगाएं और देव उठाने का गीत गाएं। इसके बाद विष्णु भगवान की आरती करें। पूरी रात भजन करें। अगले दिन मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
