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नंदिता दास को बुसान फिल्म फेस्टिवल के जूरी पैनल में शामिल किया गया

भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास को 2025 बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जूरी पैनल में शामिल किया गया है। उन्हें 'किम जिसेओक अवार्ड' श्रेणी की फिल्मों का न्याय करने का कार्य सौंपा गया है। यह सम्मान नंदिता के लिए और भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है। जानें नंदिता की फिल्मों और उनके इस नए सफर के बारे में।
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नंदिता दास को बुसान फिल्म फेस्टिवल के जूरी पैनल में शामिल किया गया

नंदिता दास की नई उपलब्धि

भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख और सम्मानित अभिनेत्री तथा निर्देशक, नंदिता दास को 2025 बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (BIFF) के जूरी पैनल में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। यह नंदिता के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए भी गर्व की बात है।


उन्हें 'किम जिसेओक अवार्ड' श्रेणी की फिल्मों का न्याय करने का कार्य सौंपा गया है। यह पुरस्कार एशियाई सिनेमा की उत्कृष्टता को मान्यता देने के लिए दिया जाता है। जूरी सदस्य के रूप में, नंदिता विश्वभर की चयनित फिल्मों का अवलोकन करेंगी और विजेता का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।


बुसान फिल्म फेस्टिवल को एशियाई सिनेमा का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंच माना जाता है, जहां फिल्म निर्माता अपनी कृतियों का प्रदर्शन करते हैं। जूरी का हिस्सा बनना किसी भी कलाकार के लिए एक बड़ा सपना होता है।


नंदिता दास को उनकी गहन और प्रभावशाली फिल्मों के लिए जाना जाता है। 'फिराक', 'मंटो' और 'ज्वाइगाटो' जैसी फिल्मों के निर्देशन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाई है। उनके सिनेमा के प्रति गहरे ज्ञान और अनुभव ने उन्हें यह सम्मान दिलाने में मदद की है।