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नई ऐप 'नेवर अलोन' से छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर, एम्स दिल्ली ने 'नेवर अलोन' नामक एक नई ऐप लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और आत्महत्या की घटनाओं को रोकना है। इस ऐप के माध्यम से छात्र 24x7 काउंसलिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह पहल मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उपचार की कमी को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस ऐप की विशेषताएँ और कैसे यह छात्रों की मदद करेगा।
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नई ऐप 'नेवर अलोन' से छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर नई पहल

नई दिल्ली - विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने एआई आधारित मानसिक स्वास्थ्य और वेलनेस प्रोग्राम 'नेवर अलोन' की शुरुआत की है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकना और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है।


एम्स दिल्ली के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए स्क्रीनिंग, इंटरवेंशन और पोस्ट-इंटरवेंशन फॉलोअप पर केंद्रित है। इस ऐप को एम्स दिल्ली के साथ-साथ एम्स भुवनेश्वर और आईएचबीएएस शाहदरा में भी लॉन्च किया गया है। डॉ. नंद कुमार के अनुसार, 'नेवर अलोन' एक वेब आधारित एप्लिकेशन है, जिसे व्हाट्सऐप के माध्यम से भी एक्सेस किया जा सकता है। छात्र मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से 24x7 वर्चुअल और ऑफलाइन काउंसलिंग सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यह पहल ग्लोबल सेंटर ऑफ इंटीग्रेटिव हेल्थ (जेसीआईएच) के सहयोग से शुरू की गई है, जिसे एम्स दिल्ली के पूर्व छात्र डॉ. दीपक चोपड़ा द्वारा समर्थित किया गया है।


उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य की बेसिक स्क्रीनिंग प्रति छात्र केवल 70 पैसे प्रतिदिन में संभव है। यदि किसी संस्थान में 5,000 छात्र हैं, तो वे एम्स दिल्ली से संपर्क कर इस सेवा को सब्सक्राइब कर सकते हैं। डॉ. कुमार ने कहा, “आत्महत्या एक वैश्विक समस्या है और इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। लेकिन, सबसे बड़ी समस्या है, उपचार का अभाव और कलंक। लगभग 70 से 80 प्रतिशत मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोग इलाज ही नहीं लेते। इसकी बड़ी वजह जागरूकता की कमी और समाज में मानसिक बीमारी से जुड़ा कलंक है।” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “कई बार आत्महत्या का निर्णय अचानक संकट की स्थिति में लिया जाता है, जब व्यक्ति आर्थिक समस्या, रिश्तों में तनाव या किसी गंभीर बीमारी जैसी परेशानियों से जूझ रहा होता है।” अब, इस नए ऐप के जरिए युवाओं को मार्गदर्शन मिलेगा और यह भी पता चलेगा कि परेशानी सभी की जिंदगी में है, उससे निपटना और खुशी-खुशी रहना बेहद आसान है।