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नई रेलवे लाइन से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच यात्रा होगी आसान

मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक नई रेलवे लाइन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जो इस वर्ष के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने ब्यावरा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और यात्रियों की सुविधा के लिए आवश्यक सुधारों पर जोर दिया। रामगंजमंडी से भोपाल के बीच ट्रेन सेवा भी जल्द शुरू होगी। जानें इस परियोजना के बारे में और क्या चुनौतियाँ सामने आई हैं।
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नई रेलवे लाइन से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच यात्रा होगी आसान

मध्य प्रदेश में नई रेलवे लाइन का शुभारंभ


मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच एक नई रेलवे लाइन के निर्माण से यात्रियों के लिए आवागमन में सुविधा होगी। यह 262 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन इस वर्ष के अंत तक चालू होने की संभावना है, और इस पर बड़े पैमाने पर कार्य चल रहा है। गुरुवार को ब्यावरा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण पश्चिम मध्य रेलवे की जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने किया। ग्वालियर से शिवपुरी, बदरवास, गुना और रुठियाई होते हुए यह ट्रेन शाम साढ़े चार बजे ब्यावरा पहुंची। जीएम ने रेलवे के सभी विभागों का बारीकी से निरीक्षण किया।


रामगंजमंडी से भोपाल के बीच रेल सेवा जल्द शुरू होगी


जीएम शोभना बंदोपाध्याय ने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि 20 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे पुनर्जागरण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए, ताकि उद्घाटन की तारीख तय की जा सके। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में रामगंजमंडी से भोपाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू होगी। इसके लिए सभी विभागों में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। जीएम ने रामगंजमंडी-भोपाल रेलवे लाइन का भी निरीक्षण किया और यात्रियों की सुविधा के लिए सेवाओं में सुधार की बात कही। स्टेशन का नया रूप तैयार किया जा रहा है।


सात साल बाद हुआ निरीक्षण


यह उल्लेखनीय है कि जीएम ने लगभग सात साल पहले ब्यावरा रेलवे स्टेशन का दौरा किया था। 2018 में जबलपुर जोन के जीएम ने इस स्टेशन का निरीक्षण किया था। गुरुवार को यह उनका दूसरा दौरा था, और यह एक महिला जीएम का पहला निरीक्षण भी है। राजधानी भोपाल से रामगंजमंडी तक चलने वाली रेलवे लाइन में पिछले कुछ महीनों से भूमि अधिग्रहण में समस्याएं आ रही थीं। नरसिंहपुर के बड़ोदिया तालाब का मामला अभी तक हल नहीं हुआ है। कुरावर से लगे तुर्कीपुरा गांव के किसानों को प्रशासन ने बुलाया था, लेकिन यहां अभी भी समस्याएं बनी हुई हैं, क्योंकि 2017 में किसानों की भूमि अधिग्रहण का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है।