नशीले कफ सिरप की तस्करी: टेरर फंडिंग की आशंका से जांच तेज
नशीले कफ सिरप की तस्करी पर जांच
लखनऊ। नशीले कफ सिरप की तस्करी से होने वाली अवैध आय का उपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है। इस संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच की दिशा में बदलाव किया है। प्रारंभिक जांच में कई हवाला ऑपरेटरों का नाम सामने आया है। बांग्लादेश के कुछ इस्लामिक संगठनों की खाड़ी देशों में सिरप की बिक्री में संलिप्तता के कारण आतंकवादी समूहों को भी लाभ मिलने की संभावना है। इसलिए, ईडी इस नेटवर्क की जड़ों को खोजने में जुटी है।
सूत्रों के अनुसार, दुबई से संचालित एक सिंडिकेट हवाला के माध्यम से भारत में सक्रिय विभिन्न समूहों को धन भेजता है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की जांच में यह भी सामने आया है कि बांग्लादेश में सबसे अधिक तस्करी कोडीन युक्त सिरप और म्यांमार की याबा टेबलेट की होती है।
इसलिए, अब जांच का ध्यान सिरप बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं से हटकर कोडीन युक्त सिरप बनाने वाली फार्मास्युटिकल कंपनियों और हवाला ऑपरेटरों पर केंद्रित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, ऐसी आधा दर्जन कंपनियों की सूची तैयार की गई है, जिसमें हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एबॉट फार्मास्युटिकल्स सबसे ऊपर है। अधिकारियों ने एबॉट कंपनी को नोटिस भेजकर पूछताछ करने की योजना बनाई है।
आसिफ वसीम की जांच में तेजी
ईडी ने मेरठ के आसिफ और वसीम की सिंडिकेट में संलिप्तता की जांच को तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार, आसिफ कई वर्षों से बांग्लादेश के रास्ते खाड़ी देशों में तस्करी कर रहा है और इससे अर्जित धन से दुबई में संपत्तियां खरीदी हैं। शुभम जायसवाल सहित कई आरोपियों के दुबई भागने के पीछे भी आसिफ की भूमिका बताई जा रही है।
शुभम ने दो वर्षों में जमा किया सात करोड़ आयकर
रांची की शैली ट्रेडर्स और वाराणसी की न्यू वृद्धि फार्मा के प्रोपराइटर शुभम जायसवाल ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में लगभग सात करोड़ रुपये का आयकर जमा किया है। जीएसटी भी अलग से जमा किया गया है। ईडी के अनुसार, वाराणसी के चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल ने 140 फर्मों का ऑडिट किया है, जिनमें से दो फर्में शुभम जायसवाल की हैं।
फर्जी ईवे बिल से हुआ बड़ा घोटाला
शैली ट्रेडर्स के संचालक शुभम जायसवाल ने फर्जी ईवे बिल के माध्यम से राज्य कर विभाग को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। रांची से वाराणसी में 2600 ट्रक माल भेजे जाने की पुष्टि हुई है, लेकिन ये ट्रक वास्तव में कभी नहीं पहुंचे। केवल कागजों पर ही ट्रकों की आवाजाही दिखाई गई। वाराणसी से अन्य जिलों में माल भेजने के लिए फर्जी ईवे बिल में एंबुलेंस, स्कूल वाहन, ई-रिक्शा, ऑटो और जीप के नंबर भी शामिल हैं। इस मामले में राज्य कर अधिकारियों से भी कोतवाली पुलिस ने संपर्क किया है।
गिरफ्तारी पर रोक के लिए सुनवाई जारी
कफ सिरप मामलों में गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई होगी। कोर्ट ने याचियों को पूर्व में दी गई अंतरिम राहत के आदेश को आगे बढ़ा दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अचल सचदेव की खंडपीठ ने विभिन्न जिलों के आरोपियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। गाजियाबाद, बस्ती, जौनपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर नगर सहित अन्य जिलों में अब तक 128 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी हैं।
