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नेपाल में कर्फ्यू में ढील, बाजार खुले, लेकिन सार्वजनिक परिवहन बंद

नेपाल में हाल ही में जनरल जेड के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सेना ने सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली है। कर्फ्यू में ढील दी गई है, जिससे कुछ समय के लिए बाजार खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन अभी भी बंद है। चितवन की भरतपुर जेल से भागे 54 कैदी स्वेच्छा से लौट आए हैं। जानें, नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की अनिश्चितता के बारे में भी।
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नेपाल में कर्फ्यू में ढील, बाजार खुले, लेकिन सार्वजनिक परिवहन बंद

नेपाल में जनरल जेड के विरोध प्रदर्शनों का असर

नेपाल में हाल ही में जनरल जेड द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शनों के चलते स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। इन प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सहित कई मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद देश की सुरक्षा का जिम्मा सेना ने संभाल लिया है।


बैंक और कार्यालयों का चरणबद्ध खुलना

सेना द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के बाद, पूरे देश में कर्फ्यू लागू किया गया था, जिसमें आज कुछ ढील दी गई है, जिससे बाजार कुछ समय के लिए खुल गए हैं। हालांकि, नए प्रतिबंधों के कारण सार्वजनिक परिवहन अभी भी बंद है। सूत्रों के अनुसार, काठमांडू के बैंकों और अन्य संस्थानों को प्रदर्शनों के दौरान भारी नुकसान हुआ है, और इन्हें चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की योजना बनाई जा रही है।


भरतपुर जेल से लौटे कैदी

चितवन की भरतपुर जेल से भागे लगभग 54 कैदी स्वेच्छा से वापस लौट आए हैं। जेल के प्रमुख रवींद्र धुंगाना ने बताया कि भागने वाले कैदियों ने धीरे-धीरे आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है। कई कैदियों को वापस लौटने के लिए फोन कॉल भी आए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार का माहौल अलग था और सभी भाग गए, लेकिन अब वे वापस आ रहे हैं।


अंतरिम सरकार की अनिश्चितता

नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन के प्रयास अनिश्चितता में हैं। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने कहा है कि संकट का समाधान मौजूदा संविधान के ढांचे के भीतर ही होना चाहिए। यह टिप्पणी सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल के विचारों के विपरीत है, जिन्होंने कुछ जनरल जेड विरोधी समूहों के समर्थन से सुशीला कार्की को अंतरिम मुख्य कार्यकारी के रूप में स्वीकार करने के लिए राजी किया।