नेपाल में जेन-जी आंदोलन से गृह मंत्री का इस्तीफा, सियासी हलचल तेज

नेपाल में सियासी भूचाल
काठमांडू: नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों और भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे 'जेन-जी' आंदोलन ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। गृह मंत्री रमेश लेखक ने हालिया हिंसक प्रदर्शनों में 20 लोगों की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह इस्तीफा प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को कैबिनेट की बैठक के दौरान सौंपा।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट बैठक में गृह मंत्री ने हाल की हिंसा पर अपनी असफलता स्वीकार की। उन्होंने सुरक्षा बलों के बल प्रयोग में हुई 20 प्रदर्शनकारियों की मौत को 'अकल्पनीय क्षति' बताया। रमेश लेखक ने कहा कि सरकार स्थिति को संभालने में असफल रही है और इसलिए वह अपने पद पर बने नहीं रह सकते।
गृह मंत्री का इस्तीफा ओली सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है और इसे प्रदर्शन कर रहे युवाओं की एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
पिछले कुछ हफ्तों से नेपाल, विशेषकर काठमांडू की सड़कों पर हजारों युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन मुख्य रूप से सरकार द्वारा हाल ही में लगाए गए सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही इसमें भ्रष्टाचार का मुद्दा भी शामिल हो गया। युवाओं का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज को दबाने और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है। इन प्रदर्शनों ने कई बार हिंसक रूप ले लिया, जिसमें सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है।